भारत में मांस खाने वाले लोगों पर सामने आई ये रिपोर्ट, जानें बड़ी बातें

Update: 2022-05-18 11:01 GMT

नई दिल्ली: भारत में मांस खाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी है. इसमें भी पुरुषों की संख्या ज्यादा बढ़ी है. देश में 45 फीसदी से ज्यादा महिलाएं और 57 फीसदी से ज्यादा पुरुष नॉन-वेज खाते हैं. ये जानकारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) की रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट बताती है कि 2015-16 की तुलना में 2019-21 में नॉन-वेज खाने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है.

NFHS-5 का सर्वे दो हिस्सों में किया गया था. इसलिए इसमें 2019-21 का डेटा है. इससे पहले 2015-16 में NFHS-4 का सर्वे हुआ था. 2015-16 के सर्वे में सामने आया था कि देश में करीब 46 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं नॉनवेज खाती हैं. 5 साल में देश में नॉन-वेज खाने वाली महिलाओं की संख्या में 5% और पुरुषों की संख्या में 11% और आबादी जुड़ गई है.
इस सर्वे में ये भी सामने आया कि 16.6% पुरुष और 29.4% महिलाओं ने अपने जीवन में कभी नॉन-वेज नहीं खाया है. ये आंकड़ा 2015-16 की तुलना में कम है. 2015-16 में 29.9% महिलाओं और 21.6% पुरुषों ने कभी नॉन-वेज न खाने की बात कही थी. नॉन-वेज फूड में मछली, चिकन और मीट को शामिल किया गया है. सर्वे में 15 से 49 साल की उम्र के लोगों को शामिल किया गया था.
भारत में नॉन-वेज खाना खाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपेंट (OECD) के मुताबिक, 2020 में भारतीयों ने 60 लाख टन से ज्यादा मीट खाया था.
नॉन-वेज खाने वालों का क्या है ट्रेंड?
सर्वे में सामने आया कि रोज और कभी-कभी नॉन-वेज खाने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आई है. हालांकि, हफ्ते में एक बार नॉन-वेज खाना खाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है.
सर्वे के मुताबिक, देश में करीब 6 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो रोज नॉन-वेज खाती हैं. वहीं, 39 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हफ्ते में एक बार और 25 फीसदी महिलाएं कभी-कभी नॉन-वेज खाती हैं.
जबकि, पुरुषों में ऐसा नहीं है. 8 फीसदी पुरुष ऐसे हैं जो रोज नॉन-वेज खाते हैं. हफ्ते में एक बार नॉन-वेज खाने वाले पुरुषों की संख्या लगभग 50 फीसदी और कभी-कभी खाने वाले 26 फीसदी से ज्यादा हैं.
किस धर्म में नॉन-वेज का क्रेज ज्यादा?
किस धर्म के लोगों में नॉन-वेज खाने का क्रेज कितना ज्यादा है, ये बात भी इस सर्वे में सामने आई है. सर्वे में सामने आया है कि ईसाई धर्म को मानने वाले नॉन-वेज के शौकीन सबसे ज्यादा हैं.
देश में 80 फीसदी ईसाई पुरुष और 78 फीसदी ईसाई महिलाएं ऐसी हैं जो हफ्ते में कम से कम एक बार नॉन-वेज खाती हैं. इसके बाद मुस्लिमों का नंबर है. 79 फीसदी ज्यादा मुस्लिम पुरुष और 70 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम महिलाएं नॉन-वेज खाने की शौकीन हैं.
करीब आधे हिंदू भी ऐसे हैं जो नॉन-वेज खाते हैं. 52 फीसदी से ज्यादा हिंदू पुरुष और करीब 41 फीसदी हिंदू महिलाएं नॉन-वेज खाना खाती हैं. वहीं, 15 फीसदी जैन पुरुष और 4 फीसदी जैन महिलाओं को भी नॉन-वेज खाने का शौक है.
फूड हैबिट को लेकर और क्या-क्या सामने आया?
- दूध या दहीः करीब 49 फीसदी महिलाएं रोज दूध या दही खाती हैं. पुरुषों की संख्या भी इतनी ही है. वहीं, करीब 6 फीसदी महिलाएं और 4 फीसदी पुरुष ऐसे भी हैं जिन्होंने कभी दूध या दही नहीं लिया.
- दाल या बीन्सः 50 फीसदी महिलाएं और 48 फीसदी पुरुष हर दिन दाल या बीन्स खाते हैं. वहीं, 6 फीसदी से ज्यादा पुरुष और महिलाएं ऐसी भी हैं, जो कभी-कभी ये खाती हैं.
- सब्जीः करीब 52 फीसदी पुरुष और महिलाएं हर दिन सब्जी खाते हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि अब भी 0.3% महिलाएं और 0.4% पुरुष ऐसे हैं, जिन्होंने कभी सब्जी नहीं खाई.
- फलः 13 फीसदी से भी कम पुरुष और महिलाएं ही हर दिन फल खा पाते हैं. डेढ़ फीसदी से ज्यादा पुरुष और महिलाओं ने तो कभी फल खाए ही नहीं हैं.
साभार: आजतक


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