वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) का नाम आज अधिकतर लोगों ने सुना है. लेकिन इसे बनाने वाले बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की निजी जिंदगी से बहुत कम लोग वाकिफ हैं. हाल में ट्विटर पर उन्होंने अपनी जिंदगी के शुरुआती संघर्ष से जुड़े कई किस्से साझा किए इनमें से कुछ किस्से तो काफी रोचक हैं. अनिल अग्रवाल ने कुछ दिन पहले कई सारे ट्वीट कर अपने और अपनी शादी से जुड़े किस्से बताए थे. उन्होंने लिखा, 'जब मैं पहली बार बंबई आया, तो इंग्लिश के केवल दो शब्द Yes और No जानता था. मैं अपने सपनों को बड़ा बनाने में लगा रहा, सोचा कि सफर बहुत लंबा है, पर इसे तय करना है. बहुत मेहनत की, मुश्किलें सही, फिर भी उभरता चला गया.'
अनिल अग्रवाल ने लिखा, 'शुरुआत के तीन साल में मैंने बंबई में किसी तरह 400 वर्ग फुट से कम का एक फ्लैट खरीद लिया. ये मेरा सफर शुरू करने के रास्ते में बहुत बड़ा अचीवमेंट था. मेरी शादी पटना में हो चुकी थी और मेरा बेटा भी पटना में पैदा हुआ.'
उन्होंने कहा, 'इसके बाद मैंने अपनी पत्नी और बेटे को मुंबई बुला लिया, क्योंकि घर-घर लगना चाहिए, मकान नहीं. ये मेरी जिंदगी का सबसे खुशी का पल का था, जब मेरा परिवार मुंबई आ गया. छोटा सा घर था मगर मेरे लिए वो मेरा आशियाना था' कभी कबाड़ में पुराने तार खरीदने का काम करने वाले अनिल अग्रवाल आज वेदांता ग्रुप के मालिक हैं. ये ग्रुप खनन, एल्युमीनियम और पेट्रोलियम जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है. इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.40 लाख करोड़ रुपये है.