बिना चुनाव लड़े ही विधायक बन गए थे ये 'नेताजी'...1967 में बने 'असली' एमएलए
ये है मामला।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चुनाव बेहद नजदीक हैं. तारीखों का ऐलान हो चुका है. वैसे तो विधानसभा चुनाव 5 राज्यों में हैं लेकिन निगाहें सब की यूपी के चुनाव पर ही हैं. खैर, ऐसा पहली बार नहीं है. हमेशा से यूपी की राजनीति पूरे देश की नजरों का केंद्र रही है. इस राज्य ने देश को कई बड़े नेता दिए. आज एक ऐसे ही 'नेताजी' की बात करते हैं, जिनसे जुड़ा एक किस्सा कमाल का है क्योंकि वे बिना चुनाव लड़े ही एमएलए बन गए थे.
मुलायम सिंह यादव यूपी के बड़े नेताओं में शुमार हैं और 'नेताजी' के नाम से मशहूर हैं. वे यूपी के 3 बार सीएम बने और देश के रक्षामंत्री भी रहे. लेकिन एक समय ऐसा था जब मुलायम सिंह यादव बिना चुनाव लड़े ही एमएलए बन गए थे. इसके पीछे का किस्सा बेहद रोचक है.
दरअसल, जब मुलायम सिंह यादव कॉलेज में पढ़ते थे, तभी वे छात्र राजनीति में इतने छा गए थे कि उनके साथी और दोस्त उन्हें एमएलए कहकर पुकारने लगे थे. उस समय वे इटावा के केके कॉलेज में पढ़ते थे. यहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की और सोशलिस्ट पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर छात्र राजनीति में आए थे. वे छात्रसंघ चुनाव लड़े और जीते. इस दौरान उन्होंने नाम की राजनीति नहीं की बल्कि खूब काम भी किया. वे छात्रों की हर समस्या दूर करने के लिए जुटे रहते थे. उनका संपर्क भी अच्छा था तो उनके दोस्त कॉलेज के अंदर के साथ-साथ बाहर के काम भी उनके नाम पर करवा लेते थे. बस, तभी से मुलायम सिंह यादव का ये जलवा देखकर दोस्त उन्हें एमएलए पुकारने लगे थे.
हालांकि दोस्तों का मुलायम सिंह यादव को एमएलए पुकारना व्यर्थ नहीं गया. वे 1967 में जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़े और जीते भी. इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सीएम की कुर्सी तक पहुंचे. फिलहाल मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक की भूमिका में हैं. उनके बेटे अखिलेश यादव भी यूपी के सीएम रह चुके हैं और उनकी पार्टी मौजूदा सत्तारूढ़ दल बीजेपी को टक्कर दे रही है.