सुप्रीम कोर्ट में लंबित यह मामला: चुनावी बांड के खिलाफ याचिका पर दशहरे की छुट्टी से पहले सुनवाई नहीं

सुप्रीम कोर्ट

Update: 2021-10-04 15:42 GMT

नई दिल्ली,  सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह राजनीतिक दलों की फंडिंग और उनके खातों में पारदर्शिता की कथित कमी से संबंधित मामला लंबित रहने के दौरान चुनावी बांड की आगे और बिक्री की अनुमति नहीं देने संबंधी याचिका पर आठ अक्टूबर को सुनवाई नहीं कर पाएगा। यह याचिका एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफा‌र्म्स की ओर से दायर की गई है।

वकील प्रशांत भूषण ने प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की पीठ से अनुरोध किया कि जनहित याचिका को आठ अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध मामलों से नहीं हटाया जाए। उनके इस अनुरोध पर पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा, शुक्रवार (आठ अक्टूबर) का दिन (दशहरे की छुट्टी से पहले) आखिरी दिन है। हम (शुक्रवार को) इस पर सुनवाई नहीं कर पाएंगे।

भ्रष्टाचार के इस मामले पर 2017 में दायर की गई थी जनहित याचिका
एनजीओ ने इस साल मार्च में बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव से पहले अंतरिम आवेदन देकर अनुरोध किया था कि चुनावी बांड की बिक्री की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस संगठन ने राजनीतिक दलों को अवैध तरीके से और विदेश से मिलने वाले धन और उनके खातों में पारदर्शिता की कमी के कारण कथित रूप से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचने और भ्रष्टाचार के इस मामले पर 2017 में जनहित याचिका दायर की थी।
अपने आवेदन में संगठन ने दावा किया था कि इस बात की गंभीर आशंका है कि बंगाल और असम समेत कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी बांडों की आगे और बिक्री से मुखौटा कंपनियों के जरिये राजनीतिक दलों की अवैध और गैरकानूनी फंडिंग और बढ़ेगी।
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