ऐसे बनते हैं IPS अफसर, जाने पावर

Update: 2021-06-25 12:47 GMT

भारत की मुख्य तीन नागरिक सेवाओं और सिविल सेवाओं के सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक आईपीएस पद को पाने के लिए एक छात्र को कड़ी मेहनत करनी होती है. यूं तो एक आईपीएस बनने के लिए आपके भीतर सिविल सर्विस का जज्बा बहुत जरूरी होता है. यूपीएससी परीक्षा में अच्छी रैंक पाने वालों को आईपीएस बनने का मौका मिलता है. जानिए एक आईपीएस अफसर की पावर और सुविधाएं क्या होती हैं. किस तरह आप भी एक आईपीएस अफसर बन सकते हैं.

एक आईपीएस अफसर बनने के लिए सबसे पहले आपको मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होना जरूरी है. इसके बाद आप यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए उसका सिलेबस समझें और सिविल सेवा परीक्षा पास करें.परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को भारत सरकार के करीब 24 सेवा विभागों में रैंक के आधार पर पोस्ट‍िंग दी जाती है. यूपीएससी में न्यूनतम 250 रैंक वाले का चयन आईपीएस अधिकारी के पद पर होता है. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में शुरुआती प्रशिक्षण के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद में चयनित आवेदकों की 15 सप्ताह की ट्रेनिंग होती है.

बता दें कि आईपीएस ऑफिसर को जिले के तमाम पुलिस अधिकारी रिपोर्ट करते हैं, जिनमें नॉन आईपीएस कैडर के सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) और डेप्युटी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) भी शामिल होते हैं. कमिश्नरी रूल में इनके पावर अलग होते हैं. आईपीएस अफसर की पावर की बात करें तो वो जिले के समग्र कामकाज का प्रभारी होता है और अपने इलाके की शांति-व्यवस्था कायम करने को लेकर फैसला ले सकता है. पुलिसिंग प्रणाली में कोई गड़बड़ी दिखने पर उसका हल खोजता है. एक आईपीएस अफसर की जिम्मेदारियों का महत्वपूर्ण हिस्सा अपने अध‍िकार क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर सुधारना होता है.
आईपीएस अफसर को सुरक्षा गार्ड, गाड़ी-सरकारी बंगले के साथ साथ घरेलू सहायता दी जाती है. आईपीएस में चयन के बाद उन्हें विदेश में पढ़ाई करने का विकल्प भी मिलता है. उन्हें आधिकारिक वाहन सुविधा के साथ साथ मुफ्त बिजली या फोन कॉल सुविधा मिलती है. इसके साथ ही शक्ति और सम्मान जो किसी अधिकारी को समाज में मिलता है, वो भी आईपीएस अफसर को मिलता है. आईपीएस अफसर को मेडिकल भत्ते और लाइफटाइम पेंशन व अन्य रिटायरमेंट लाभ भी मिलते हैं.
IPS अफसर को तीन तरह के पे-स्केल दिए जाते हैं. इसमें जूनियर टाइम स्केल के तौर पर किसी अधिकारी को 15,600 से 39,000 रुपये का सैलरी पैकेज दिया जाता है. इसमें 5,400 रुपये का पे-स्केल और जोड़ा जाता है. यह पहली सैलरी होती है जो शुरुआती लेवल पर दी जाती है. आम तौर पर, एएसपी और डीएसपी दो रैंक हैं. वहीं सीनियर टाइम स्केल के समय 15,600 से 39, 100 की बेसिक सैलरी होती है और इसके साथ 6,600 का ग्रेड पे जोड़ा जाता है. आईपीएस अधिकारी के काम शुरू होने के बाद, यह पहला पदोन्नति लेवल होता है जो किसी अधिकारी को मिलता है.
IPS यानी इंडियन पुलिस सर्विस के जरिए आप पुलिस महकमे के आला अफसरों में शुमार होते हैं. इसमें ट्रेनी आईपीएस से डीजीपी या इंटेलिजेंस ब्यूरो, सीबीआई चीफ तक पहुंचा जा सकता है. यूपीएससी परीक्षा के 3 माध्यम से आयोजित की जाती है. जिसमें 3 लेवल होते हैं. 1. प्रीलिम्स, 2. मेंस परीक्षा , 2. इंटरव्यू. इंटरव्यू में पास होने के बाद ही अभ्यर्थी को ट्रेनिंग लेनी होती है.
IAS का कोई ड्रेस कोड नहीं होता. वह हमेशा फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं, लेकिन एक IPS हमेशा ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं. वहीं एक IAS के साथ एक या दो अंगरक्षक मिलेंगे. वहीं एक IPS के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है. जब IAS बनते हैं तो एक मेडल दिया जाता है. इसके विपरीत जब IPS बनते हैं को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है.
IAS तथा IPS की शुरू के 3 महीने की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में ही होती है. जिसे फाउंडेशन कोर्स भी कहते हैं. उसके बाद IPS प्रशिक्षुओं को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) हैदराबाद भेज दिया जाता है जहां उन्हें पुलिस की ट्रेनिंग दी जाती है. आईएएस अफसर और आईपीएस की ट्रेनिंग में भी काफी अंतर होता है. आईपीएस को चयन के बाद ज्यादा टफ ट्रेनिंग से गुजरना होता है. उनकी ट्रेनिंग में घुड़सवारी, परेड और हथ‍ियार चलाना शामिल होता है.

Tags:    

Similar News

-->