NEET पेपर लीक मामलें में CBI ने ऐसे की पूरी जांच

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Update: 2024-07-25 15:08 GMT
New Delhi. नई दिल्ली। सीबीआई द्वारा शास्त्रीनगर थाना (पटना), बिहार में भारतीय दंड संहिता की धारा 407/408/409/120(बी) के तहत दर्ज मामला संख्या 358/2024, दिनांक 05.05.2024 को अपने हाथों में लेने के पश्चात, नीट((NEET) यूजी 2024 प्रश्न पत्र की चोरी एवं लीक के आरोपों की जांच दिनाँक 23-06-2024 से कर रही है। सीबीआई जांच से पता चला है कि NEET-UG 2024 प्रश्न पत्र दिनाँक 05.05.2024 को सुबह ओएसिस स्कूल, हज़ारीबाग़, झारखंड से पंकज कुमार उर्फ ​​आदित्य उर्फ ​​साहिल नामक व्यक्ति, जो एनईईटी के मास्टरमाइंड में से एक है, द्वारा अवैध रूप से हज़ारीबाग एनटीए सिटी कोऑर्डिनेटर सह ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एवं ओएसिस स्कूल के केंद्र अधीक्षक सह ओएसिस स्कूल के वाइस प्रिंसिपल व हज़ारीबाग़ के एक अन्य सहयोगी की मिलीभगत से NEET UG -2024 का पेपर अवैध रूप से प्राप्त किया गया था। फरार चल रहे पंकज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया। स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल एवं सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। आधे जले प्रश्नपत्रों के बरामद किए गए टुकड़ों ने सीबीआई को निर्दिष्ट एनईईटी परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मदद की, जहां से यह पेपर लीक हुआ था। NEET-UG 2024 प्रश्न पत्रों वाले पेटियों को स्कूल में लाया गया एवं दिनांक 05-05-2024 की सुबह नियंत्रण कक्ष में रखा गया। पेटियां आने के कुछ मिनट बाद, उपरोक्त प्रिंसिपल एवं वाइस प्रिंसिपल ने अनाधिकृत व अवैध रूप से ऊपर बताए गए मास्टरमाइंड को उस कमरे में जाने की अनुमति दी, जहां पेटियां रखी गई थी।

पेटी खोलने और पेटी से प्रश्नपत्रों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए गए अत्याधुनिक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। एनईईटी प्रश्न पत्र तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने के बाद, इसे 5 मई 2024 की सुबह सॉल्वरों के एक समूह के माध्यम से हजारीबाग में हल किया गया था तथा हल किए गए पेपर को कुछ चयनित छात्रों के साथ साझा किया गया जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे। सभी सॉल्वर, जो प्रतिष्ठित कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं, की पहचान कर ली गई है एवं उनमें से अधिकांश को गिरफ्तार कर लिया गया है। षड़यंत्र के तहत इन सॉल्वरों को खास तौर पर हजारीबाग लाया गया था। आरोपी पंकज ने कुछ अन्य मास्टरमाइंडों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया, जिनकी पहचान कर ली गई है व उनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस समूह को आरोपी व्यक्तियों के एक समूह द्वारा सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की गई थी, जिन्होंने उम्मीदवारों के आवास हेतु स्थानों की व्यवस्था की थी, आरोपियों का एक अन्य समूह उम्मीदवारों को इकट्ठा करने एवं लाने-ले जाने में संलिप्त था। हल किए गए प्रश्नपत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का पता लगाया जा रहा है एवं आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। मामले को अपने हाथ में लेने के बाद से अब तक सीबीआई 33 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। इस मामले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 15 बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार शामिल हैं। अब तक कई आपत्तिजनक साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं।
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