इस इंडियन ने Google में निकाल डाली ऐसी खामियां, दुनिया में हुआ नाम, जानें इनके बारे में...

Update: 2022-02-16 06:39 GMT

नई दिल्ली. जैसे-जैसे दुनिया एक बड़ा डिजिटल स्पेस बनने की ओर बढ़ रही है, साइबर सिक्योरिटी इस वेब दुनिया में शामिल सभी कंपनियों के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय बन गई है. हम एक ऐसे युग में रहते हैं, जहां हमारे पास मौजूद तकनीक के कारण हमारा सभी निजी डेटा हमारे हाथ के एक टच में उपलब्ध है. डिजिटल कंज्यूमर्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए साइबर एक्सपर्ट लगातार काम कर रहे हैं. ऐसे में बग्समिरर (Bugsmirror) के संस्थापक इंडियन टेक एक्सपर्ट अमन पांडे (Aman Pandey) के काम को मान्यता देते हुए गूगल (Google) ने 65 करोड़ का इनाम दिया है. इससे भारतीय टेक एक्सपर्ट के हौसले और बुलंद होंगे.

गूगल ने बग्समिरर (Bugsmirror) के अमन पांडे को एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की कमियों को खोजने और उसकी रिपोर्ट करने के लिए सबसे बड़े शोधकर्ता के रूप में पुरस्कृत किया है. अमन पांडे ने 2021 में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की 232 कमियों को सामने लाने का काम किया. इसका साफ मतलब ये है कि एंड्रॉयड के कंज्यूमरों पर घोटालों का शिकार होना का खतरा ज्यादा है. गूगल ने भारतीय साइबर सुरक्षा शोधकर्ता अमन पांडे के काम को मान्यता दी है और उनकी सराहना की है. जिनके प्रयासों ने एंड्रॉयड में कमजोरियों को दूर करने का काम किया है. इस प्रकार एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम कंज्यूमर्स के लिए जयादा सुरक्षित बना है.
बग्समिरर (Bugsmirror) की स्थापना अमन पांडे ने 2021 में ही इंदौर में की थी. उन्होंने एनआईटी (NIT) भोपाल से ग्रेजुएशन किया है. गूगल ने इसके लिए 8.7 मिलियन डॉलर का इनाम भी दिया है, जो भारतीय रुपये में लगभग 65 करोड़ रुपये है. लगभग 115 शोधकर्ताओं को एंड्रॉयड की 333 कमियों की रिपोर्ट भेजने के लिए पुरस्कृत किया गया, जो 2021 में भेजे गए थे. इसके लिए कुल 2.2 मिलियन डॉलर के इनाम दिए गए. अमन पांडे की कंपनी की वेबसाइट के अनुसार बग्समिरर का मकसद साइबर सुरक्षा के खतरों के खिलाफ सभी को सुरक्षित और मजबूत करना है और ये सुनिश्चित करना है कि आपके स्मार्टफोन, पीडीए या कोई आईओटी डिवाइस मैलवेयर और वायरस से मुक्त रहें. इसलिए मौजूदा वक्त में उनका पूरा ध्यान एंड्रॉयड पर है.

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