जैसलमेर। जैसलमेर क्षेत्र के 2 जेडब्ल्यूएम आबादी चक के देवड़ों की ढाणी के निवासियों की स्थिति नदी किनारे मीन प्यासी की हो गई है। पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी इंदिरा गांधी नहर परियोजना के किनारे आबाद ढाणी में पेयजल समस्या से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ढाणी में 5 वर्ष पूर्व जलदाय विभाग की ओर से डिग्गी व जीएलआर का निर्माण करवाया गया था, लेकिन पानी की आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार करीब 5 वर्ष पूर्व जलदाय विभाग की ओर से ढाणी के वाशिंदों एवं विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं व स्टाफ की सुविधा के लिए जीएलआर व डिग्गियों का निर्माण करवाया गया।
निर्माण के बाद अभी तक यहां जलापूर्ति शुरू नहीं की गई है। इससे जीएलआर व डिग्गियां सूखी ही पड़ी है। इससे ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। यही नहीं विद्यालय में अध्ययनरत 75 विद्यार्थियों एवं स्टाफ को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। किसान नरपतसिंह ने बताया कि कई बार खेत में निर्मित डिग्गियों से पाइप जोड़कर विद्यालय में पानी की आपूर्ति करनी पड़ती है।
किसान मदनसिंह ने बताया कि ढाणी में जीएलआर व डिग्गियां निर्माण करवाने के बाद भी जलापूर्ति नहीं की गई है। ऐसे में देखरेख व सारसंभाल के अभाव में जीएलआर व डिग्गियां क्षतिग्रस्त होती जा रही है। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष पूर्व डिग्गी में एक बार पानी की आपूर्ति की गई, लेकिन डिग्गी का तल व खाला क्षतिग्रस्त होने से पूरा पानी रिस गया और डिग्गी पुन: खाली हो गई, जबकि जिम्मेदारों की ओर से इनकी मरम्मत, पाइपलाइन से जोड़कर जलापूर्ति करने एवं विद्यालय तक अलग से पाइपलाइन लगाकर पानी की आपूर्ति करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।