ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रही कोरोना की तीसरी लहर, लोग ज्यादा प्रभावित
नई दिल्ली: भारत में कोरोना का कहर जारी है और तीसरी लहर का प्रकोप और शहरों से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। कोरोना के ताजा मामलों में वृद्धि की दर ने भारत के गांवों ने अब बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है। एक विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई कि यहां तक कि दैनिक मामलों की संख्या में वृद्धि भी शहरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है।
दरअसल, हाउ इंडिया लिव्स के डेटा के आधार पर हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से किए गए विश्लेषण के मुताबिक देश के शहरी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक संख्या में तो दर्ज गए हैं, लेकिन अब शहरों में दैनिक मामले घट रहे हैं, जबकि ग्रामीण जिलों में इनकी संख्या में वृद्धि जारी है। देश के शहरी से ग्रामीण हिस्सों में बढ़ते संक्रमणों में यह बदलाव पिछली दोनों कोरोना लहरों में भी देखा गया था। यह विश्लेषण 21 जनवरी तक जिला स्तरीय आंकड़ों पर आधारित है।
आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली और मुंबई में क्रमशः 16 जनवरी और 13 जनवरी से औसत नए मामलों में कमी देखी गई है। इतना ही नहीं चेन्नई और कोलकाता जैसे अन्य महानगरीय शहरों में भी संक्रमण तेजी से गिर रहा है। वहीं दूसरी ओर पूरे भारत में औसत मामलों में वृद्धि जारी है, हालांकि इसकी विकास दर अब ओमिक्रॉन वृद्धि की तीव्र गति से कम है।
23 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह पर दैनिक संक्रमण का औसत 309,244 था। एक सप्ताह पहले, यह संख्या 239,100 थी, यानी सात दिनों में यह 29.3% बढ़ी है। वहीं 8 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में साप्ताहिक विकास दर अपने चरम पर 528% तक पहुंच गई थी, जो दूसरी लहर में देखी गई उच्चतम विकास दर का लगभग छह गुना थी।
महाराष्ट्र में मुंबई और उसके उपनगरीय जिलों का सात-दिवसीय औसत 15 जनवरी को 14,038 से घटकर 21 जनवरी को 6,934 हो गया, यह औसत राज्य के बाकी हिस्सों में 28,080 से बढ़कर 35,315 हो गया। इससे पता चलता है कि मामलों में वृद्धि अब उन जिलों के नेतृत्व में हो रही है जो कम शहरी हैं। यह जांचने के लिए कि क्या वर्तमान लहर अब ग्रामीण क्षेत्रों द्वारा संचालित की जा रही है, एचटी ने 2011 की जनगणना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के हिस्से के आधार पर जिलों को वर्गीकृत किया।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 20% से कम आबादी वाले जिलों को पूरी तरह से शहरी के रूप में वर्गीकृत किया गया और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 80% से अधिक आबादी वाले जिलों को पूरी तरह से ग्रामीण के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें बड़े पैमाने पर शहरी, मिश्रित और बड़े पैमाने पर ग्रामीण जिले हैं। इस वर्गीकरण से पता चलता है कि पूरी तरह से शहरी जिलों में पिछले सप्ताह में सात दिनों के औसत मामलों में कमी आई है।
उधर कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में पहुंच गया है। INSACOG ने इस बात की जानकारी अपनी ताजा बुलेटिन में दी है। बताया गया कि अब तक के अधिकांश ओमिक्रॉन के मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं। अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू के मामले मौजूदा लहर में बढ़ गए हैं और खतरे का स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ है।