अंबानी के शादी घर में चोरी करने का बना रहे थे प्लान, पुलिस ने पकड़ा
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। राजकोट सिटी क्राइम ब्रांच ने तमिलनाडु की "त्रिची गैंग" के पांच सदस्यों को 8 लाख 62 हजार रुपए के नकद और सामान के साथ दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. यह गैंग जामनगर रिलायंस में आयोजित अनंत अंबानी और राधिका मरचेंट की प्री-वेडिंग इवेंट में बड़ा हाथ मारने के लिए जामनगर पहुंचा था. हालांकि, जामनगर में प्री-वेडिंग इवेंट जहां हो रहा था, वहां पहुंचने के बाद इस गैंग को पता चला की सुरक्षा कड़ी है और अंदर जाना मुमकिन नहीं है. लिहाजा, अंबानी परिवार के प्री-वेडिंग प्रोग्राम में बड़ा हाथ मारने की गैंग की योजना नाकाम हो गई. फिर इस गैंग ने गुजरात के अलग-अलग शहरों से महंगी कार के शीशे तोड़कर चोरी करने का फैसला लिया. इस गैंग ने सबसे पहले जामनगर बस स्टैंड पर कार का शीशा तोड़कर लैपटॉप और नकदी चुराई और वहां से राजकोट शहर और फिर दिल्ली में भी महंगी कारों में से लैपटॉप और कैश चोरी करने की कबूल की है.
राजकोट शहर पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने बताया कि त्रिची गैंग के सभी सदस्य तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली जिले के मूल निवासी हैं. यह गैंग जामनगर में अंबानी परिवार की प्री-वेडिंग में बड़ा हाथ मारने के लिए आया था. मगर, वे सफल नहीं हो सके. इसके बाद इस गैंग के सदस्यों ने गुजरात के अलग-अलग इलाकों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में राजकोट क्राइम ब्रांच की टीम ने 43 साल के आरोपी जगन अगामुदियार, 36 साल के दीपक अगामुदियार, 27 साल के गुंशेकर, 62 साल के मुरली मोदलियार और 55 साल के एगम्माराम कटान मुत्रयार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. वहीं, गैंग के मास्टर माइंड मधुसूदन उर्फ वीजी की तलाश जारी है. आरोपियों ने दो मार्च को राजकोट के 150 फीट रिंग रोड पर मर्सिडीज कार का शीशा तोड़कर 10 लाख रुपये नकद, लैपटॉप और ऑफिस के कागजात समेत कुल 11 लाख 50 हजार रुपए का माल चोरी किया था. इस मामले में मालवीय नगर थाने में अपराध दर्ज किया गया था. घटना को लेकर स्थानीय पुलिस और राजकोट क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. इसके तहत कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी मिली.
इसके बाद तकनीकी सर्विलांस और मुखबिरों से मिली जानकारी के बाद आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों से पूछताछ में उन्होंने अपनी मोडेस ऑपरेंडी के बारे में बताया कि यह गैंग कम समय में अमीर बनने की लालच में महंगी कारों के शीशे तोड़कर उनमें चोरी करते थे. चोरी की जगह आदि का फैसला टीम लीडर मधुसूदन करता था. उनके निर्देश पर गैंग के लोग ट्रेन से यात्रा करते थे. साथ ही विभिन्न राज्यों के शहरों में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि जगहों पर जहां एक से अधिक कारें खड़ी होती हैं, वहां वारदात को अंजाम देते थे. यह गैंग हेयर पिन और रब्बर का इस्तमाल कर के गुलेल बनाकर उसका इस्तमाल करके कार की खिड़कियां तोड़ता था और फिर कार से बैग और नकद लेकर फरार हो जाता था. आरोपी दीपक, मुरली और एगामराम कार की रेकी करते थे. वे देखते थे कि कार में कोई बैग या थैला पड़ा है या नहीं. इसके बाद वे जगन को इशारा कर वहां से निकल जाते थे. फिर जगन अपने पास मौजूद खास गिलोल से उस कार का शीशा तोड़ देता था और आरोपी गुणशेखर को इशारा कर देता था और गुणशेखर कार से नकद समेत लैपटॉप चोरी करके फरार हो जाता था.