पीएम मोदी के ये नए मंत्री है अद्भुत और असाधारण, कभी चाय बगान में करते थे मजदूरी, पढ़े पूरा किस्सा

Update: 2021-07-08 06:25 GMT

मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में जॉन बारला (John Barla) को अल्पसंख्यक मामलों का राज्यमंत्री (Minority Affairs Minister) बनाया गया है. अलीपुरद्वार (Alipurduars) से बीजेपी सांसद जॉन बारला की कहानी अद्भुत और असाधारण है. कुछ साल पहले तक चाय बागान में मजदूरी करने वाले जॉन अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

एक साधारण से परिवार में पैदा हुए जॉन बारला के पिता का नाम थॉमस बारला है. जॉन बारला जलपाईगुड़ी जिले के बनारहाट लक्ष्मीपारा चाय बागान के रहने वाले हैं. यही के महावीर हिंदी हाई स्कूल में जॉन ने कक्षा 8 तक पढ़ाई की. गरीबी की वजह से पढ़ाई यहीं पर छोड़नी पड़ी और चाय बागान में मजदूरी करने लगे.
2007 तक जॉन ने चाय बागान में अस्थाई ड्राइवर की नौकरी की. दिहाड़ी मजदूर के तौर पर उनको वेतन मिलता था, लेकिन राजनीति में रुचि रखने वाले जॉन 2007 के बाद से ही गोरखालैंड विरोधी आंदोलन में शामिल हो गए. धीरे धीरे समूचे डूअर्स इलाके में जॉन आदिवासी समाज का एक उभरता हुआ चेहरा बनने लगे.
इसके बाद ही जॉन बारला को आदिवासी विकास परिषद ने तराई डूआर्स कोऑर्डिनेशन कमिटी का अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद 2014 में जॉन बीजेपी में शामिल हुए. 2019 के लोकसभा चुनाव में जॉन बारला ने अलीपुरद्वार से चुनाव जीत लिया.
हाल में जॉन बारला सबसे ज्यादा सुर्खियों में कुछ दिनों पहले आए जब उन्होंने उत्तर बंगाल को पश्चिम बंगाल से अलग पृथक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश करने की मांग कर डाली. तृणमूल कांग्रेस की ओर से जॉन के खिलाफ कई मामले भी दर्ज किए गए. पृथक राज्य की मांग करने वाले इस मजदूर नेता को मोदी सरकार ने मंत्री का दर्जा दिया.
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