अमित शाह की रैली में हुआ था विरोध, निषाद कर रहे आरक्षण की मांग

Update: 2021-12-20 18:23 GMT

गृहमंत्री अमित शाह की रैली में निषादों के विरोध और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के दिए हुए अल्टीमेटम के बाद यूपी सरकार हरकत में आ गई है. प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है.

मालूम हो कि 17 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित निषाद पार्टी और भाजपा की संयुक्त रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी के सामने रैली में विरोध किया गया था और आरक्षण की मांग की गई थी. इस दौरान भारी बवाल हुआ था और कुर्सियां तक तोड़ दी गई थीं. रैली के अगले दिन ही आरक्षण संबंधी बिंदु पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद की तरफ से ज्ञापन दिया गया था.
राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर डॉ. संजय निषाद के ज्ञापन में उल्लिखित बिंदु मतलब उपनामों के आरक्षण पर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है.
राज्य सरकार के विशेष सचिव रजनीश चंद्र की तरफ से रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, भारत सरकार को भेजे गए पत्र में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के ज्ञापन को भी संलग्न किया गया है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का उल्लेख है. डॉ. संजय निषाद का कहना है कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मझवार जाति के लोग मांझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद आदि उपनामों का प्रयोग करते हैं. इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया जाता, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों के लोगों को उपनाम लिखने पर उन्हें प्रमाण पत्र निर्गत करने में कोई आपत्ति नहीं की जाती है.
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने मझवार जाति के सभी उपनाम वाले लोगों को भी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने की मांग की है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 20 दिसंबर को पत्र भेजकर रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त से तत्काल मार्गदर्शन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
Tags:    

Similar News

-->