महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त कार्यालय के डेटा सेंटर या साइट्स में नही हुआ कोई साइबर हमला

Update: 2022-12-20 09:52 GMT
दिल्ली। देश में इन दिनों साइबर हमलों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। खासतौर से एम्स के सर्वर हैकिंग के बाद सरकार सभी संस्थाओं की सुरक्षा को पुख्ता करने में लगी है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त के कार्यालय के डेटा सेंटर या इसके डिजास्टर रिकवरी साइट्स में कोई साइबर हमला या डेटा हैकिंग की घटना नहीं पायी गई है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि जनसंख्या के आंकड़ों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा पद्धति अपनाई गई है। आंकड़े एकत्र करने वाले डिवाइस पर ट्रांसमिशन के दौरान और सर्वर / स्टोरेज में आँकड़े एन्क्रिप्टेड होते हैं। उन्होनें बताया कि डेटा केंद्रों को सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय विवेचित सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआई आईपीसी) और भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) की सलाह को लागू किया गया है।

नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना 2021 करवाने की सरकार की मंशा को 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था। कोविड-19 महामारी के फैलाव के कारण, जनगणना 2021 और संबंधित फील्ड गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।

राय ने ये भी बताया कि जनगणना 2011 के आंकड़ों के आधार पर भारत और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में वर्ष 2011-2036 के जनसंख्या अनुमान राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की गई जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह की रिपोर्ट में उपलब्ध हैं।

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