नई दिल्ली: झारखंड के अलग-अलग जिलों में जलाशयों में डूबने से सात बच्चों की मौत हो गई। एक लापता है। मृतकों में तीन-तीन हजारीबाग व पलामू के हैं। एक मौत कोडरमा में हुई। हजारीबाग के मेरू में रेहदा डैम में डूबकर मरने वाले सभी बच्चे बीएसएफ जवानों के थे। यहां पांच बच्चे नहाने गए थे। इनमें से दो डूबने लगे तो तीसरा उन्हें बचाने गया, इस दौरान वह भी डूब गया।
वहीं, पलामू के सतबरवा के गौरा गांव में बंद ग्रेफाइट माइंस के गड्ढे में जमा पानी में डूबकर तीन बच्चों की जान चली गई। तीनों ताबर गांव के रहने वाले थे। सभी की उम्र 10-11 साल है। वहीं, दूसरी ओर कोडरमा के लोकाई गोसाई टोला के एक बच्चे की तालाब में डूबने से मौत हो गयी, जबकि तीन बच निकले। चतरा के टंडवा में सतवहिनी जलाशय मे दो बच्चे डूब गये। इसमे एक बच्चे को बचा लिया गया, पर दूसरा बच्चा लापता है।
पतरातू हरिहरपुर इटर्निटी रिसॉर्ट्स के सामने 19 अगस्त की शाम नलकारी के तेज वेग में बहे डॉ देवाशीष रॉबिंसन तिग्गा और समीर सौरभ का शव रविवार को पतरातू डैम के मुहाने से बरामद हुआ। एडीआरएफ टीम को पहले डॉ देवाशीष का शव मिला। इसके 25 मिनट बाद समीर का शव निकाला गया। डॉ देवाशीष हजारीबाग नूतननगर निवासी सुचित तिग्गा के पुत्र थे। वहीं समीर कांके रोड जगतपुरम निवासी सुरेंद्र पांडेय के पुत्र थे।
देर शाम तक गौरव की भी तलाश हुई पर नतीजा जीरो रहा। इधर लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ की 28 सदस्यी टीम सुबह 5 बजे ही हरिहरपुर पहुंच गई थी। डॉ देवाशीष व समीर सौरभ का शव ढूंढ़ने के बाद एनडीआरएफ लापता विवेक गौरव गाड़ी की तलाश में पूरे दिन जुटी रही, लेकिन नतीजा सिफर रहा। शाम 6 बजे के बाद टीम ने तलाशी अभियान को विराम दे दिया।