सरकारी कर्मचारियों में मची खलबली, रिटायरमेंट को लेकर आया ये आदेश
राजनैतिक गलियारों में भी हलचल.
जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार के एक आदेश पर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों से लेकर राजनैतिक गलियारों में हलचल मच गयी है. गुरूवार को जारी इस आदेश में प्रदेश सरकार ने 22 साल नौकरी या 48 साल की आयु वाले किसी भी सरकारी कर्मचारी को जबरन रिटायर करने का आदेश निकला है, जिसे प्रदेश के कर्मचारी सरकार का दिवाली गिफ्ट बता रहे है.
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारी जम्मू में बीजेपी दफ्तर के बाहर जैसे ही अपना रोष जताने पहुंचे, वहां पहले से मौजूद पुलिस के दलबल ने इन कर्मचारियों को बीजेपी दफ्तर ने जाने से रोक दिया. दरअसल, प्रदेश के यह अस्थाई कर्मचारी सरकार के गुरूवार के उस आदेश के खिलाफ लामबंद हुए है जिसमे सरकार ने किसी भी सरकारी ऐसे कर्मचारी को, जिसकी आयु 48 साल हो या जिसने 22 साल नौकरी की हो, को जबरन रिटायर करने का प्रावधान रखा है.
जल शक्ति विभाग, सड़क निर्माण विभाग और बिजली विभाग समेत कई अन्य विभागों के यह वो कर्मचारी है जो पिछले दो दशकों से अधिक समय से महज़ 6750 रुपयों पर नौकरी कर रहे है. इन कर्मचारियों का दावा है कि सरकार ने अपने हाथ में इस आदेश के द्वारा एक ऐसा चाबुक रखा है जिससे वो किसी भी कर्मचारी को डरा धमका सकते है. वहीं, यह कर्मचारी सरकार के उन दोहरे मापदण्डों की भी दुहाई दे रहे है जिसमे एक तरफ आतंक का रास्ता छोड़ कर आने वालो के पुनर्वास की योजना बनाई जा रही है और दूसरी तरफ दशकों के काम कर रहे कर्मचारियों को डराया जा रहा है. सरकार के इस आदेश से आहत इन कर्मचारीयों को जब बीजेपी दफ्तर के अंदर नहीं जाने दिया गया तो इन आक्रोशित कर्मचारियों ने बीजेपी दफ्तर के बाहर अपने कपडे उतार कर प्रदर्शन किया. इन कर्मचारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपने उस वादे की भी याद दिलवाई जिसमे उन्होंने जम्मू कश्मीर करीब 6 साल पहले इन कर्मचारियों को स्थाई करने का वादा किया था.
अब इस आदेश को यह कर्मचारी इसे सरकार का दिवाली गिफ्ट बता रहे है. वहीं, सरकार के इस आदेश के खिलाफ कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी के साथ सत्ता में शामिल रही पीडीपी एक जैसे बयान दे रहे है. जहां कांग्रेस इसे कर्मचारी के खिलाफ बता रही है वहीं पीडीपी इस फैसले को मौजूदा समय में गैरज़रूरी कदम मान रही है. पीडीपी का यह भी दावा है कि इस आदेश के द्वारा सरकार की मंशा अगर भ्रष्टाचार मिटने की है तो प्रदेश के उपराज्यपाल को सब से पहले बड़े अधिकारियो और नौकरशाहों को इस आदेश के तहत जबरन रिटायर करना चाहिये.
वहीं, बीजेपी सरकार के इस आदेश के समर्थन में खड़े होने के साथ ही ईमानदार कर्मचारियों को इससे नहीं डरने की हिदायत दे रही है. प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवीन्द्र गुप्ता का दावा है कि इस आदेश के ज़रिये सरकार उन भ्रष्ट कर्मचारियों पर नकेल कसेगी जो न केवल अपनी ड्यूटी से गैरहाज़िर रहते है बल्कि ऐसे भी अफसरों पर गाज गिरेगी जिन्होंने अवैध तरीको से सम्पतिया बनाई है. उधर, जम्मू कश्मीर सरकार इस आदेश के ज़रिये प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के बीच वर्क कल्चर बढ़ाने की बात रह रही है.