लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद से बवाल मचा

आंकड़ों के अनुसार, जिले ने 2019-20 में 3,66,727.16 करोड़ रुपये के राज्य के कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद में 12,414.40 करोड़ - 3.38 प्रतिशत का योगदान दिया.

Update: 2021-10-04 18:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri Violence) में किसानों की मौत के बाद से बवाल मचा है. मामले में सियासत गरमा गई है. सियासत से परे लखीमपुर खीरी एक ऐसा जिला है जहां राज्य की सबसे बड़ी सिख आबादी (largest Sikh population) रहती है. साथ ही कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भी लखीमपुर खीरी का बड़ा योगदान है.

राज्य के मध्य भाग में स्थित 7,680 वर्ग किलोमीटर (2,970 वर्ग मील) में फैला जिला नेपाल के साथ सीमा साझा करता है, और लखनऊ प्रशासनिक प्रभाग के अंतर्गत आता है. यहीं यूपी का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान, दुधवा भी है. इसके साथ उत्तर प्रदेश के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय (Directorate of Economics & Statistics) द्वारा जारी जिला घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों के अनुसार, जिले ने 2019-20 में 3,66,727.16 करोड़ रुपये के राज्य के कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद में 12,414.40 करोड़ – 3.38 प्रतिशत का योगदान दिया.
GDP में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र का हिस्सा 45 प्रतिशत
उस वर्ष, लखीमपुर के जिला घरेलू उत्पाद में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र का हिस्सा 45.30 प्रतिशत था, जो समग्र रूप से उत्तर प्रदेश (23.7 प्रतिशत) और भारत (18.4 प्रतिशत) की तुलना में अधिक था. यह दर्शाता है कि जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि गतिविधियों पर आधारित है, और फसल उत्पादन और पशुपालन लोगों की आय का मुख्य स्रोत है.
राज्य की कुल सिख आबादी का 15 फीसदी रहता है लखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सिखों की सबसे बड़ी संख्या का घर है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल 6,43,500 सिख आबादी में से 94,388 – या 15 प्रतिशत – लखीमपुर खीरी में रह रहे थे. जबकि राज्य की आबादी में सिखों की हिस्सेदारी सिर्फ 0.32 प्रतिशत थी, यह लखीमपुर में 3.24 प्रतिशत थी – जिले की कुल आबादी 40.21 लाख में 6.43 लाख सिख थे. वहीं उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इसके साथ किसानों का मुद्दा भी एक बार फिर गरमा गया है
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