यूपी। सरकार ने 108 एंबुलेंस (108 Ambulance) लोगों की सुविधा के लिए चलाई है, लेकिन आपातस्थिति में लोगों की मदद करने वाली 108 एंबुलेंसो की खुद की हालत बेहद खस्ता होती जा रही है. आलम ये है कि लोग जरूरत में अगर एंबुलेंस को फोन करते हैं तो कई बार तो फोन लगता ही नहीं. अगर फोन लग भी जाता है तो समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचती. कितनी बार देखा गया है कि बहुत सारी एंबुलेंस में ना ऑक्सीजन सिलेंडर होता है, और ना ही डॉक्टर. उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) की इज्जत नगर थाना क्षेत्र की महानगर कॉलोनी की रहने वाली सुषमा अरोड़ा ने जब एंबुलेंस को फोन किया गया तो कई घंटे तो फोन नहीं लगा. जब फोन लगा दो एंबुलेंस को बुलाया तो 3 घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची.
जो एंबुलेंस उनके पास पहुंची उसकी हालत बहुत खराब थी. पूरी खटारा एंबुलेंस थी और एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था. मरीज के परिजन ने एंबुलेंस की हालत देखकर जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया और जब परिजनों ने अधिकारियों से एंबुलेंस की शिकायत की तो जवाब मिला कि आप प्राइवेट एंबुलेंस से मरीज को ले जाइए. यह बात सुनकर मरीज सुषमा अरोड़ा का पारा चढ़ गया और उन्होंने जिला अस्पताल में ही हंगामा करना चालू कर दिया. जैसे-तैसे मामले को शांत कराया गया.
दरअसल सुषमा अरोड़ा काफी दिनों से 108 एंबुलेंस को कॉल कर रहे थे और कॉल नहीं लग रहा था. मंगलवार को जब सुषमा अरोड़ा का कॉल लगा तो 3 घंटे बाद एंबुलेंस उनके घर पहुंची. एंबुलेंस को देखकर सुषमा अरोड़ा के होश उड़ गए. क्योंकि एंबुलेंस की हालत बिल्कुल खटारा थी और उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं था. सुषमा अरोड़ा का आरोप है कि जब एंबुलेंस चालक से खटारा एंबुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर ना होने की बात कही तो एंबुलेंस चालक ने बताया कि उसकी शिकायत में पहले ही अस्पताल में कर चुका हूं.
सुषमा ने एंबुलेंस से अपने 70 वर्षीय भाई को जिला अस्पताल पहुंचाने के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उनका आरोप है कि जब उच्च अधिकारियों से बात की तो उच्च अधिकारियों का कहना है कि आप प्राइवेट एंबुलेंस से मरीज को ले जा सकते हैं. इस बात पर सुषमा अरोड़ा ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया उच्च अधिकारियों ने जैसे तैसे मामले को शांत कराया और कहा कि एंबुलेंस को जल्द ही बदल दिया जाएगा.