अफीम की तस्करी करता था युवक, 12 साल से फरार कुख्यात अपराधी ऐसे हुआ गिरफ्तार

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Update: 2024-07-21 16:21 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 12 वर्षों से फरार चल रहे हत्या के एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. आरोपी का नाम मोहम्मद उमर (51) है, जो अफीम की तस्करी भी करता था. उसने साल 2012 में अपने एक दोस्त की हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही फरार चल रहा था. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद उमर ने 16 जुलाई 2012 को दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में अपने साथी तस्लीम की हत्या कर दी थी. उसकी पहचान छिपाने के लिए तेजाब डालकर उसका चेहरा भी खराब कर दिया था. 18 जुलाई 2013 को एक अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया था.
पुलिस ने उसकी सूचना देने वाले को 50 हजार इनाम देने की घोषणा की थी. हत्या के मामले के अलावा मोहम्मद उमर पर उत्तर प्रदेश के मेरठ के कई थानों में धोखाधड़ी और मादक पदार्थों की तस्करी समेत सात अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. उसे 16 जुलाई को आनंद विहार बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया.
पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक ने बताया, "मो. उमर को 16 जुलाई को दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया है. उसके पास से एक पिस्तौल और चार कारतूस बरामद किए गए हैं. पुलिस टीम को उसकी गतिविधियों के बारे में मुखबिर से सूचना मिली थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई.''
उन्होंने बताया कि मो. उमर का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ था. वो वहां दर्जी का काम करता था. साल 2002 में चोरों के एक गिरोह का हिस्सा बन गया था. साल 2010 में उमर नईम, तस्लीम, मुकेश और मोती के संपर्क में आया. उनके साथ मिलकर अफीम जैसे मादक पदार्थों की तस्करी करने लगा.
इसके साथ ही रियाल जैसी विदेशी मुद्राओं को भारतीय रुपए में बदलने के बहाने लोगों को ठगने लगा. साल 2011 में उसे उत्तर प्रदेश के अमरोहा में शस्त्र अधिनियम और धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था. जमानत पर रिहा होने के बाद उसने फिर से मादक पदार्थों की तस्करी शुरू कर दी.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नईम, तस्लीम और मोती ने उमर को बताया कि मुकेश ने अमरोहा पुलिस को उससे जुड़ी एक सूचना दी है. इसके बाद उमर ने मुकेश की हत्या की योजना बनाई. नईम, तस्लीम और मोती ने उत्तर प्रदेश के बागपत में मुकेश की हत्या कर दी. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
लेकिन बाद में नईम और तस्लीम को जमानत मिल गई. साल 2012 में उमर ने नईम के साथ मिलकर दिल्ली के सोनिया विहार इलाके में तस्लीम की हत्या कर दी. इसके बाद तेजाब डालकर उसका चेहरा बिगाड़ दिया, ताकि उसे कोई पहचान न सके. तब से उमर और उसके परिवार के सदस्य लापता हैं.
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