बछिया और बछड़े की गांव वालों ने करवाई शादी, पंडित ने किया मंत्रोच्चार
अनूठी शादी
मध्य प्रदेश। खरगोन में एक अनूठी शादी हुई जहां बछिया दुल्हन बनी और दूल्हा एक बछड़ा था. इस खास शादी में 4 गांव के लोग बाराती और घराती बने. बछड़े के साथ निकली बारात में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं.
पूरे विधि-विधान के साथ नाचते- झूमते बछिया लक्ष्मी और बछड़े नारायण की शादी कराई गई. दरअसल एक परिवार ने निसंतान होने के बाद बछिया को ही बेटी मान लिया. इसलिए बछिया की शादी पूरे रस्मों रिवाज के साथ कराई गई. इतना ही नहीं शादी के लिए निमंत्रण कार्ड भी छपवाए गए और चार गावों में बांटी गई. फिर शादी के लिए मंडप सजायी गई. दरअसल खरगोन जिला मुख्यालय के पास ग्राम पंचायत प्रेम नगर में गाय को माता और बैल को नंदी मानकर पूजने वाले ग्रामीणों ने दो परिवार के इस अनूठे विवाह में शिरकत कर विवाह समारोह को अद्भुत बना दिया. दो परिवारों द्वारा अपनी संतान की तरह पाले बछड़े नारायण और बछिया लक्ष्मी की शादी कराई गई. रस्मों की केवल औपचारिकता ही नहीं की गई बल्कि विधि-विधान के साथ पंडित के मंत्रोच्चार के बीच शादी संपन्न कराई गई.
दिवाले और लिमये परिवार में पले बछड़े-बछिया की शादी में न केवल उनका परिवार, रिश्तेदार बल्कि चार गांव के लोग भी साक्षी बने.बुधवार को लिमये परिवार के यहां से धूमधाम से दूल्हे नारायण (बछड़़े) की बारात मुकेश दिवाले के घर पहुंची. यहां मुकेश की बेटी लक्ष्मी (बछिया) से मंडप में पंडित राधेश्याम शर्मा द्वारा बकायदा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी कराई गई.
बाराती डीजे, ढोल, तांशे पर झूमते-गाते दुल्हन लक्ष्मी (बछिया) के घर पहुंचे थे. बछड़े-बछिया को नए कपड़े भी पहनाए गए. मुकेश दिवाले ने बताया उनकी शादी को 15 साल बीत गए है लेकिन कोई संतान नहीं होने से बछिया लक्ष्मी को ही बेटी की तरह मानते हैं. मुकेश दीपाले मजदूरी करते हैं और दूल्हा बने बछड़े की मालिकिन पेंशन से घर चलाती हैं.