मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का वीडियो वायरल, प्रशासन में मच गया हड़कंप

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में सोमवार को रैगिंग का मामला सामने आया है.

Update: 2021-07-20 02:40 GMT

राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) में सोमवार को रैगिंग का मामला सामने आया है. जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है. दरअसल सोमवार दोपहर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. ये वीडियो कोटा मेडिकल कॉलेज का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया और वाट्सएप पर तेजी से वायरल होने से कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन में सकते में आ गया है.

इस मामले में जिले के कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है. दोषियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. उधर, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा कि कोटा मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी को वीडियो की सच्चाई और मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि कमेटी से घटनास्थल का निरीक्षण करवाया गया है. हालांकि मौके पर कोई जानकारी नहीं मिली है. ये जांच डॉ. देवेंद्र विजय के नेतृत्व में की जा रही है.
क्या है वायरल वीडियो का मामला?
बता दें कि ये वीडियो किसी ऊंची वाली जगह से बनाया गया है. जिसमें सीनियर छात्र अपने जूनियर छात्रों को दो लाइनों में खड़ा करके रैगिंग ले रहे हैं और उन्हें सजा दे रहे हैं. वीडियो से पता चल रहा है कि मेडिकल कॉलेज की यूनिफार्म किसी ने भी नहीं पहनी हुई है. वीडियो में कुछ छात्रों को मुर्गा बनाया है. वहीं, सीनियर छात्रों के सामने जूनियर छात्र डरे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक जूनियर छात्र को यहां थप्पड़ भी मारे गए हैं.
दोषियों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज एंटी रैगिंग कमेटी के प्रभारी देवेंद्र विजय ने बताया कि एक दो दिन में जांच खत्म कर ली जाएगी. शुरुआती जांच का हवाला देते डॉ. विजय ने कहा है कि वीडियो सोमवार को ही बना है और ये लोकेशन कोटा मेडिकल कॉलेज की है. इस मामले में कॉलेज के कुछ लड़को के नाम सामने आए हैं, उनसे पूछताछ की गई हैं. डॉ. विजय ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहता हैं एंटी रैगिंग कानून?
एंटी रैगिंग कानून के मुताबिक जांच में दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा और कैद भी हो सकती है. आर्थिक दंड का भी प्रावधान है. वहीं रैगिंग के मामले में कार्रवाई न करने या मामले की अनदेखी करने पर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई होने और आर्थिक दंड का भी प्रावधान है. रैगिंग के मामले देश के सुप्रीम कोर्ट ने साल 2001 में पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था.


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