बिहार में दो किसानों की वजह से बड़ा ट्रेन हादसा होने से टल गया. किसानों के लाल गमछे का इशारा समझकर हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिये, जिससे ट्रेन टूटी पटरी पर दौड़ने से पहले ही रुक गई. सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर के साथ रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए. पटरी को तुरंत ही दुरुस्त कराया गया, जिसके बाद 45 घंटे की देरी से ट्रेन गंतव्य स्थल की ओर रवाना की जा सकी.
पंडित दीनदयाल जंक्शन और गया रेलखंड के बीच पुसौली रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर पश्चिम कुदरा थाना क्षेत्र के घटांव गांव के दो किसान अपने खेतों की तरफ रेलवे ट्रैक के पास से गुजर रहे थे. इन किसानों की नजर रेल पटरी पर पड़ी, तो उन्होंने देखा कि पटरी तो टूटी हुई है.
जब तक ये किसान पुसौली स्टेशन मास्टर को सूचना देते तब तक अपलाइन का सिग्नल ग्रीन हो चुका था और हावड़ा बीकानेर एक्सप्रेस सामने से आते हुए दिखाई दे रही थी. किसानों ने अपने दिमाग का सही प्रयोग करते हुए कंधे से लाल गमछा उतारा और ट्रेन चालक को खतरे का इशारा करने लगे.
चालक ने मामले की गंभीरता से लेते हुए गाड़ी के इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोक लिया. जब दोनों किसान प्रेमचंद राम और राम प्रवेश से चालक ने पूछा तो उन्होंने टूटी हुई पटरी दिखाई. इसके बाद स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी गई. मौके पर पीडब्ल्यूआई की टीम के साथ रेल अधिकारी भी पहुंच गए.
तुरंत ही पटरी की मरम्मत शुरू करा दी गई. इस दौरान ये ट्रेन करीब 45 मिनट की देरी से गंतव्य स्थल की ओर रवाना हो सकी. वहीं स्टेशन मास्टर ने दोनों किसानों की तत्परता देख उनका सम्मान करते हुए माला पहनाई.
पुसौली रेलवे स्टेशन मास्टर ने बताया हावड़ा-बीकानेर ट्रेन अपलाइन से गुजर रही थी, तभी ग्रामीणों ने रेलवे की पटरी टूटी देख लाल गमछा दिखाकर ट्रेन रुकवा ली, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया.
उन्होंने बताया कि पटरी को फिलहाल दुरुस्त कर दिया गया है. गाड़ियों का परिचालन सामान्य रूप से चलता रहेगा. जल्द ही इस क्षेत्र की पूरी पटरी बदल दी जाएगी, जिससे कि आगे चलकर किसी प्रकार की अनहोनी की संभावनाएं न हो.