रायसेन। रायसेन बाईपास के पास स्वतंत्र घूम रहा है यह बाघ महू इंदौर से आया है ।एसएफआरआई टीम ने इसकी पुष्टि की है। महू से जंगलों से भटकते हुए यह बाघ की पुरानी आदत होती है ।रायसेन में घूम रहे बाघ की नई तस्वीर का मिलान कर लिया गया है। इसमें दोनों बाघ की नई तस्वीरों का मिलान कर लिया गया है।इस बाघ के शरीर पर घाव के निशान है ।और दोनों की स्थिति भी एक जैसी ही है। इधर गुरुवार की शाम शहर के वार्ड क्रमांक 1 नरापुरा श्री कृष्ण गौशाला के समीप फिर यही बाघ दिखाई दिया है ।बाघ वके मूवमेंट की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और लोगों को अलग सतर्क रहने की सलाह दी है ।वन विभाग के अधिकारियों ने इस बाघ के मूवमेंट को देखते ही से सतर्कता बरतने के लिए अनाउंसमेंट कराया गया है।
साथ ही रात में घरों के दरवाजे बंद रखें और अकेला नहीं निकलने की अपील की गई है ।मालूम हो तो 28 फरवरी को टाइगर शहरी सीमा में आ गया था तब लोगों ने उसे बहुत ही करीब से देखा था इसके बाद से यह बाघ शहरी सीमा में बार-बार मूवमेंट कर रहा है ।सीता तलाई की पहाड़ी और तजपुरा की टेकरी पर यह बाघ दहाड़ मार चुका है ।जिससे लोगों का भय के कारण दिल धक धक कर रहा।रायसेन डीएफओ विजय कुमार ने बताया कि दो दिन पहले यह बाघ मऊ इंदौर जिले में भी देखा गया था। वन विभाग के दल ने रायसेन के बाघ और महू वाले बाघ के डाटा का मिलान किया है। जिसमें इंदौर जिले के महू और रायसेन में देखा जा रहा है। बाघका टाटा मैच हो रहा है ।रायसेन में दिख रहा है यह बाघ महू इंदौर से होकर रायसेन के जंगल में आया है ।जिससे लोगों की रातों की नींद भी उड़ गई है।
महू इंदौर से उदयनगर ,कन्नौज खातेगांव सीहोर के जंगल से भोपाल होता हुआ रायसेन के घने जंगलों में तक लगभग 270 किलोमीटर का सफर तय करके बायपास के जंगल में पहुंचा है। सीतातलाई पानी का एक अच्छा स्रोत है ।शायद इसलिए वह जंगल की ओर चला गया है।
रायसेन किला पहाड़ी स्थित भगवान शिव सोमेश्वर मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में मॉर्निंग वॉक पर लोग जाते हैं ।महाशिवरात्रि पर्व पर पर सोमेश्वर धाम के दर्शन पूजन के लिए भी शिव भक्तों की संख्या पहुंचती है।बाघ वहां ना जाए ।इसलिए वन विभाग का अमला हाईवे किनारे रायसेन बाईपास पर जगह-जगह आग जला रहा है। वन विभाग की टीम भी अलर्ट होकर रात में गश्त करकी मशक्कत कर रही है।