महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन (Omicron) के केस बढ़ रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray)के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) सरकार कहीं से भी कड़े प्रतिबंध या लॉकडाउन लगाने का प्लान नहीं कर रही है. महाराष्ट्र में अब तक 18 ओमीक्रॉन के केस सामने आ चुके हैं. रविवार को नागपुर में एक मरीज और इससे पहले मुंबई में एक साथ तीन मरीज पाए जाने के बाद इतने केस हुए हैं. इन 18 में से 7 लोग ठीक भी हो चुके हैं. फिलहाल ओमीक्रॉन के कुल 11 ऐक्टिव केस हैं.
महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन के इस तरह बढ़ते हुए केस को देखते हुए एक बड़ा वर्ग राज्य में एक बार फिर लॉकडाउन या कड़े प्रतिबंध लगाने की आशंका जता रहा है. लेकिन राज्य सरकार इस तरह के प्रयोग एक बार फिर करने के कतई मूड में नहीं है. हालांकि मुंबई में तीन नए केस पाए जाने के बाद यहां 48 घंटों (11 और 12 दिसंबर) के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई है. लेकिन यह धारा सिर्फ मुंबई की हद तक ही सीमित है. इसके तहत राजनीतिक रैलियां, कार्यक्रम करने पर पाबंदी है. मीडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने शुक्रवार को बताया कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है. अब तक प्राप्त जानकारियों के मुताबिक कोरोना के इस नए वेरिएंट की घातकता बहुत ज्यादा नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि, 'इसलिए हम राज्य में लॉकडाउन लगाने के बारे में बिलकुल नहीं सोच रहे हैं. ना ही राज्य के कोरोना टास्क फोर्स ने इस तरह का कोई सुझाव दिया है. हम स्थितियों पर नज़रें बनाए हुए हैं. अगर नतीजों में कोई भारी उलटफेर दिखाई देता है तो हम केंद्र सरकार, राज्य के टास्क फोर्स और मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों के मुताबिक फैसले लेने पर विचार करेंगे.'
राज्य में ओमीक्रॉन से निपटने के लिए किए जाने वाले उपायों पर बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि,' स्वास्थ्य विभाग तीन टी के फॉर्मूले पर काम कर रहा है. यह तीन टी फॉर्मूला है ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टेस्टिंग. जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए हमारे पास तीन लैब हैं. आगे हम नागपुर और औरंगाबाद में भी लैब शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.'