सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को की नोटिस जारी
पिछड़ा वर्ग के लोगों की जाति आधारित जनगणना कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पिछड़ा वर्ग के लोगों की जाति आधारित जनगणना कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि 2021 की जनगणना में इसे शामिल किया जाना चाहिए जिससे संख्या के आधार पर आरक्षण व कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिल सके। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता व तेलंगाना राज्य पिछड़ा वर्ग फ्रंट के चेयरमैन जी महेश यादव की याचिका पर केंद्र समेत अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को पूर्व में दायर इस तरह की याचिका के साथ जोड़ दिया है। याचिकाकर्ता के वकील जीएस मणि ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों की जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। जाति आधारित आंकड़ा न होने से राज्य सरकारों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। साथ ही पर्याप्त संख्या में पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।