Atul Subhash: आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष की खुदकुशी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, नया VIDEO

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Update: 2024-12-11 08:56 GMT
Atul Subhash Suicide Case: पत्नी के उत्पीड़न से परेशान होकर बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने जान दे दी। अपने लंबे-चौड़े सुसाइड लेटर में अतुल ने बेटे के लिए भी खास संदेश छोड़ा है। इस लेटर में जहां उन्होंने बेटे को न देख पाने पर अफसोस जताया है। वहीं, बेटे के रूप में खुद के दायित्वों का भी जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने बेटे के लिए लिखा है कि मैं तुम्हारे जैसे 100 बेटों को कुर्बान कर सकता हूं। गौरतलब है कि अतुल सुभाष ने 24 पेज का सुसाइड लेटर छोड़ा है। इसके अलावा उन्होंने डेढ़ घंटे के वीडियो में अपना दर्द बयां किया है।
अतुल ने लिखा है बेटे, जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था तो सोचा था कि तुम्हारे लिए किसी भी दिन जान दे दूंगा। लेकिन अफसोस है कि आज मुझे तुम्हारी वजह से जान देनी पड़ रही है। मुझे तो तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं है। मेरे पास तुम्हारी फोटो भी तब की है जब तुम बस एक साल के थे। अतुल सुभाष ने आगे लिखा है कि अब तो तुम्हारे लिए मेरे दिल में कोई जज्बात भी नहीं उभरता। अगर मेरे दिल में कुछ आता है तो वह है ढेर सारा दर्द।
अतुल सुभाष ने आगे अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि अब तो ऐसा लगता है कि तुम मेरे लिए ब्लैकमेल करने की एक वजह बन गए हो, जिसका इस्तेमाल करके मुझसे अधिक से अधिक पैसे वसूले जाएंगे। उन्होंने बेटे को संबोधित करते हुए लिखा है कि हालांकि इस बात से तुम्हें तकलीफ होगी, लेकिन ऐसा लगता है तुम मेरे द्वारा की गई कोई गलती हो। यह कितने दुख की बात है कि इस शर्मनाक सिस्टम ने एक बेटे को उसके लिए बोझ और जिम्मेदारी बना दिया है। अतुल ने आगे लिखा है कि मैं अक्सर ऐसे पिताओं से मिलता हूं जो इसी तरह के जज्बात से गुजर रहे हैं और तिल-तिलकर मर रहे हैं।
इंजीनियर ने आगे लिखा है कि हमारा सिस्टम सभी पिताओं से ऐसा ही चाहता है, लेकिन मैं ऐसा होने नहीं दूंगा। मैं जब तक जिंदा रहूंगा कमाता रहूंगा और वह लोग तुम्हें एक टूल की तरह इस्तेमाल करके तुम्हारे दादा-दादी, चाचा और मुझे ब्लैकमेल करके पैसे उगाहते रहेंगे। मैं अनावश्यक रूप से अपने माता-पिता और भाई का शोषण नहीं होने दूंगा। यहां तक कि तुम्हारे लिए भी नहीं। मैं अपने पिता के लिए तुम्हारे जैसे 100 बेटों को कुर्बान कर सकता हूं और तुम्हारे लिए मैं अपने जैसे 1000 की कुर्बानी दे सकता हूं।
अतुल ने इस पत्र में पिता और बेटे के रिश्ते पर काफी मार्मिक बातें लिखी हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं कभी अपने पिता के शोषण की वजह नहीं बन सकता। मुझे लगता नहीं कि तुम कभी समझ पाओगे कि पिता क्या होता है। लेकिन मैं जानता हूं कि पिता क्या है। मेरे पिता का होना मेरे लिए एक प्रीविलेज है। वह मेरा सबसे बड़ा गौरव हैं। मेरे पिता वो हैं, जिनके जैसे मैं हमेशा बनना चाहूंगा। वह ऐसे हैं, जिनके ऊपर उनके बेटों को गर्व होता है। अतुल ने लिखा है कि पिता और बेटे का रिश्ता क्या होता है, लिखा नहीं जा सकता और इसे समझना भी असान नहीं है। लेकिन अब इन बातों का कोई मलतब नहीं है। तुम मुझे जान नहीं पाओगे। काश, मैं तुम्हारे पास रह पाता। तुम्हें वह सब बता पाता जो मैंने समझा, सीखा और जाना है।
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