कर्नाटक कांग्रेस सरकार का कलंक

Update: 2025-01-14 06:12 GMT

मैंने 3 करोड़ लगाए हैं, डिप्टी सीएम के सामने कांग्रेस विधायक ने लगाया आरोप

नई दिल्ली (ए/नेट डेस्क)। कर्नाटक कांग्रेस में तनाव की अटकलों के बीच पार्टी के दो बड़े नेताओं में जमकर बहस हुई है। खबर है कि बहस का मुद्दा पार्टी के कार्यालय के श्रेय को लेकर हुआ। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को अपने पार्टी विधायकों से सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करने को कहा है। साथ ही विधायकों से आलाकमान के निर्देशों का भी पालन करने के लिए कहा गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दो मंत्रियों सतीश जरकिहोली और लक्ष्मी हेब्बलकर के बीच बैठक के दौरान बहस हो गई। कारण बेलगावी में पार्टी ऑफिस निर्माण का श्रेय था। सोमवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जिला स्तरीय कार्यालय को लेकर हेब्बलकर की तारीफ की। साथ ही अपने-अपने जिलों में जिम्मेदारियों से बचने के लिए वरिष्ठ नेताओं की आलोचना की। कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान ने कर्नाटक में 100 पार्टी दफ्तर खोलने के निर्देश दिए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, शिवकुमार बोल ही रहे थे कि जरकिहोली ने बीच में कहा, आप उदार होकर हेब्बलकर को श्रेय दे रहे हैं, लेकिन याद रखें कि मैंने भवन पर 3 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और मेरे भाई रमेश जो अब भारतीय जनता पार्टी में हैं, उन्होंने 50 लाख रुपये का योगदान दिया है। इसपर हेब्बलकर ने कहा, सतीश मेरे भाई की तरह हैं, लेकिन मुझे नहीं समझ आता कि वह हर बार मुझे क्यों निशाना बनाते हैं। यह पार्टी को मजबूत करने का समय हैं, आपस में लडऩे का नहीं। तनाव बढ़ता देख कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दोनों मंत्रियों से पार्टी की एकता मजबूत करने पर ध्यान लगाने के लिए कहा। पीटीआई भाषा के सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस विधायकों से यह भी कहा गया कि पार्टी आलाकमान जो भी निर्णय लेगा, उसका पालन करें।

कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की सोमवार शाम को हुई बैठक में विधायकों को यह संदेश दिया गया। बैठक में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और जयराम रमेश भी मौजूद थे। कांग्रेस विधायकों को यह संदेश ऐसे समय में दिया गया है जब मंत्रियों सहित कई विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर मीडिया के सामने अपनी बात रखी है। कुछ ने इसकी संभावना का संकेत दिया है जबकि कुछ ने इसे खारिज कर दिया है। सिद्धरमैया द्वारा हाल ही में मंत्री सतीश जरकीहोली के आवास पर अपने चुनिंदा दलित और अनुसूचित जनजाति मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ आयोजित रात्रिभोज ने कांग्रेस के भीतर इस बात की चर्चा पैदा कर दी है कि मार्च में राज्य बजट के बाद प्रदेश में ‘‘दूसरा मुख्यमंत्री’’या ‘‘सत्ता-साझाकरण’’ फार्मूले के तहत संभावित सत्ता परिवर्तन हो सकता है। खबर आई थी कि 2023 में पार्टी की जीत के बाद समझौता हुआ था, जिसमें सिद्धरमैया और डी.के. शिवकुमार को बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला तय हुआ था।

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