हवाई अड्डे पर लैंड करने के दौरान सरकार का स्टेट प्लेन हुआ था दुर्घटनाग्रस्त, चपत के आरोप पर विमान कैप्टन ने सरकार को दिया ये जवाब
6 मई 2021 को विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार के ग्वालियर में 6 मई 2021 को विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते चार्जशीट दाखिल करते हुए विमान के कैप्टन माजिद अख्तर पर लापरवाही के आरोप लगाए थे. अब पायलट ने लापरवाही के आरोपों का खंडन किया है. राज्य सरकार का दावा है कि विमान क्रैश से राज्य सरकार को 85 करोड़ का नुकसान हुआ था.
राज्य सरकार की ओर से कैप्टन माजिद अख्तर को चार्जशीट सौंपी गई. इसमें कहा गया है कि हादसे की वजह से 60 करोड़ की लागत के विमान को स्क्रैप में बदला गया. इसके चलते राज्य सरकार को अन्य निजी ऑपरेटरों से विमानों को किराए पर लेना पड़ा. इसके लिए सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
चौंकाने वाली बात ये है कि राज्य सरकार इस बात पर चुप है कि कैसे क्राफ्ट किंग एयर बी-250 जीटी विमान को बिना अनिवार्य बीमा का पालन किए उड़ान भरने की अनुमति दी गई. एविएशन मिनिस्ट्री के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक, अगर बीमा जैसे कदमों का पालन किया गया होता, तो सरकार को विमान की कीमत बीमा कंपनियों से मिल सकती थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टन माजिद अख्तर ने जवाब में कहा है कि दुर्घटना ग्वालियर हवाई अड्डे पर लगे अरेस्टर बैरियर की वजह से हुई थी, जिसके बारे में उन्हें एटीसी ने जानकारी नहीं दी थी. 27 साल से ज्यादा समय से विमान उड़ा रहे कैप्टन माजिद ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें ब्लैक बॉक्स की सामग्री प्रदान नहीं की गई जिसमें ग्वालियर एटीसी से प्राप्त सभी निर्देश शामिल हैं.
क्या है मामला?
कोरोना संकट के बीच 6 मई 2021 को मध्य प्रदेश सरकार का स्टेट प्लेन रेमडिसिविर इंजेक्शन लेकर अहमदाबाद से ग्वालियर आ रहा था. ग्वालियर हवाई अड्डे पर लैंड करने के दौरान प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसकी क्रैश लैंडिंग करानी पड़ी थी. विमान को उड़ा रहे कैप्टन सईद माजिद अख्तर और उनके साथी पायलट शिवशंकर जायसवाल को इस हादसे में मामूली चोटें आईं थीं. जबकि विमान पूरी तरह से कबाड़ बन गया था. विमानन विभाग ने लापरवाही के चलते कैप्टन माजिद को हादसे के लिए जिम्मेदार मानते हुए, 6 महीने बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. कैप्टन माजिद देश के उन पहले पायलट में एक थे, जिन्होंने कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी करते वक्त पीपीई किट पहन कर उड़ान भरी थी.