National News:देश के 80 फीसदी अस्पतालों में हालात बदतर

Update: 2024-06-30 09:59 GMT

National News: देश के 80 फीसदी सरकारी आवासों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। यह खुलासा सरकार की एक रिपोर्ट में हुआ है। आपकी जानकारी को इकट्ठा करने के लिए भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) नाम का एक डिजिटल टूल बनाया गया था। इस टूल से पता चला कि 40451 शिशुओं में से केवल 8089 अस्पताल ही ऐसे थे जो आईपीएचएस के मानकों पर खरे उतरे। देश में दिन-ब-दिन सरकारी Governmentकर्मचारियों की हालत खराब होती जा रही है। सरकार की तरफ से अस्पताल को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार देश के 80% सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके पास पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं। जिला अंग, उप-जिला अंग, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुष्मान आरोग्य मंदिर (तत्कालीन उप स्वास्थ्य केंद्र) सहित दो लाख से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं हैं,

जो सरकार की एक प्रमुख योजना एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के तहत हैं। हैं। बता दें कि एनएचएम के तहत आने वाले 2 लाख से ज्यादा मुसलमानों में से केवल 40,451 मुसलमानोंMuslims ने ही सरकार को अपनी जानकारी दी है। जानकारी के लिए बता दें कि एनएचएम के तहत आने वाले मुसलमानों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाती है, जबकि बाकी 40 फ़ीसदी खर्च राज्य सरकारें उठाती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि नई सरकार बनने के 100 दिनों के अंदर 70,000 सरकारी लाभार्थियों को आईपीएचएस (भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक) के मानकों के तहत बनाया जाएगा। इस बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि वे राज्यों को सुधार के लिए पूरी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा मकसद सरकारी दवाओं के इलाज में बेहतर सुविधा लाना है। साथ ही अधिकारी ने यह भी बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का एनक्यूएएस मूल्यांकन पहले की तरह ही किया जाएगा।

Tags:    

Similar News

-->