हॉस्पिटल के नाम पर चलाई जा रही दुकान व बे-लगाम झोलाछाप डॉक्टरों का बढ़ता कहर 

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Update: 2023-02-10 14:02 GMT
लोनी। सरकार द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिए गए सख्त निर्देशों के बावजूद लोनी क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों की भरमार है जो प्राइवेट अस्पताल या अपने निजी क्लीनिक में बेखौफ प्रैक्टिस कर रहे हैं। हाल ही में यहां प्राइवेट अस्पतालों में घटित दर्दनाक घटनाओं को लेकर क्षेत्रीय नागरिकों के बीच एक बार फिर रोष व्याप्त है। इसके अतिरिक्त बात अवैध रूप से भ्रूण हत्या (अबॉर्शन) करने वाले क्लीनको व नर्सिंग होम के नाम पर दुकान खोले बैठे डॉक्टरो की करें तो क्षेत्र इससे भी अछूता नहीं है।
गौरतलब हो कि हाई कोर्ट द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। मगर इसके बावजूद लोनी क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। लगभग 17 लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र के शहर में स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल के अतिरिक्त यहा अनेक कॉलोनियां ऐसी है जहां क्लीनिक या नर्सिंग होम खोलकर बैठने वाले डॉक्टर अयोग्य, गैर पंजीकृत, अप्राधिकृत या अप्रशिक्षित की श्रेणी में न आते हो। कहीं-कहीं तो ऐसे डॉक्टरों की तादाद का यह आलम है कि मानो वहा झोलाछाप डॉक्टरों की मंडी लगी हो जिनमें महिला भी पीछे नहीं है। अफसोस की बात तो यह है कि इस प्रकार के डॉक्टरों की शिकायत कई बार की जा चुकी है जिनके गलत उपचार के चलते मरीज की मौत या उनके अंग भंग हो जाने जैसी घटनाओं ने समय-समय पर तूल न पकड़ा हो।
प्राइवेट हॉस्पिटलो में हुई 2 मौत को लेकर लोगों में उबाल
हाल ही में पिछले करीब 20 दिनों के अंतराल में लोनी के प्राइवेट हॉस्पिटलों में दो मौत हो चुकी है। पीड़ित परिवारो के साथ नागरिकों ने उनके मरीज की जान चली जाने का सीधा-सीधा आरोप उक्त अस्पतालों पर लगाया है। लोगों लोगों का कहना है कि आवश्यक मानकों के बिना ही संचालित हॉस्पिटल व उनमें प्रैक्टिस करें झोलाछाप डॉक्टर ऐसी घटनाओं का जीता जागता उदाहरण है जिनके बीच भारी रोष व्याप्त है। लोग उक्त अस्पतालों/डॉक्टरों के विरूद्ध कार्रवाई करने के साथ-साथ अब ऐसे तमाम प्राइवेट हॉस्पिटलों के मानको और वहां प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों की जांच पड़ताल कराने की मांग कर रहे है। लोगों का आरोप है कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी इस ओर से अंजान बने बैठे हैं। हाईकोर्ट के कड़े रवैये एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बाद भी उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। जबकि सूत्रों की माने तो ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ इंडियन मैडिकल कौंसिल एक्ट 1958 तथा इंडियन मेडिसिन सेंट्रल कौंसिल एक्ट 1970 तथा इंडियन पेनल कोड के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है।
भ्रूण हत्या अबॉर्शन के धंधे से भी नहीं किया जा सकता इनकार
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि क्षेत्र में स्थित क्लीनिकों व नर्सिंग होम की आड़ में अवैध रूप से भ्रूण हत्या (एबॉर्शन) करने का धंधा भी चोरी छिपे न किया जाता हो। नर्सिंग होम या क्लीनिक का शिक्षित व योग्य डॉक्टर हो या अवैध क्लीनिक का झोलाछाप डॉक्टर, दोनों ही इस कार्य में संलिप्त है। और ऑपरेशन करने का धंधा चला रहे हैं। बल्कि कभी-कभी इसकी वैधता का लाभ उठाकर ऑपरेशन कराने आई महिला से मुंह मांगी रकम वसूलते हैं। क्षेत्र में ऐसे भी बहुत से डॉक्टर है जिनसे अवैध रूप से खुले क्लीनिकों पर डॉक्टर बने बैठे पुरुष व महिला कमीशन पर भ्रूण हत्या कराते है। इस धंधे में लिप्त डॉक्टर पैसा कमाने के चक्कर में लड़कियों के अवैध गर्भ को गिराने के लिए पूर्णता मदद ही नहीं करते बल्कि आगे के लिए आश्वस्त भी करते हैं।
जिससे यहां के अधिकांशत: अशिक्षित नव युवक, युवतियां और भटक जाते हैं। क्षेत्र में बाहर से आकर बसे गरीब तबके के अधिकांश महिलाएं ऑपरेशन के लिए ऐसे ही छोटे-छोटे क्लीनिकों पर जाती हैं जहां डॉक्टर बनी बैठी महिला ऑपरेशन के कार्य को अंजाम देकर अपनी फीस उघा लेती है। ऐसी जगह कराए गए ऑपरेशन के बहुत से मामले ऐसी जानकारी में भी आए हैं जिनके भयानक परिणाम ऑपरेशन कर्त्ताओं को भुगतने पड़े हैं या वे किसी गंभीर बीमारी की शिकार हो गई है। उक्त दोनों ही सूरतो के मामले में चर्चा आम होते हुए भी उनकी रोक-टोक के लिए किसी संबंधित अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा आजतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया यही कारण है कि इनके हौसले इतने बुलंद है। हालांकि बात मौजूदा समय में लोगों के बीच बढ़ते रोष की करें तो संबंधित विभागीय अधिकारियों को क्षेत्र में स्थित तमाम प्राइवेट हॉस्पिटल हो या क्लीनिक उनके विरुद्ध एक अभियान के तहत कार्यवाही अमल में लानी होगी जो अत्यंत जरूरी है।
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