राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी एकता को मज़बूत करने को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर विपक्षी दलों के बड़े नेताओं की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में अन्य कई मुद्दों के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समझाने को लेकर भी बातचीत हुई. सीएम ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि यूपीए नहीं है. उन्होंने कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता की वकालत की थी. सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को नए सिरे से समझाने पर भी विस्तृत तौर पर चर्चा हुई है. सूत्रों का कहना है कि विपक्ष का कोई बड़ा नेता जल्द ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर बात करेगा. सूत्रों ने कहा है कि शरद पवार के कंधे पर ममता बनर्जी को समझाने की ज़िम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अपने राज्य के मजबूत प्रादेशिक दल अपने-अपने राज्यों में विपक्ष के तौर पर मजबूती से सामने आएं. इसको लेकर साझा रणनीति बनाने पर भी चर्चा हुई. विपक्षी दलों की इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कान्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत, डीएमके सांसद टीआर बालू, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और राहुल गांधी जैसे नेता मौजूद रहे.
बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि यह पहला ऐसा ग्रुप है. भविष्य में और ऐसे ग्रुप बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा, "विपक्ष की बैठक थी. विपक्ष की एकजुटता को लेकर बैठक थी. हमने संसद की कार्यवाही के बारे में चर्चा की. हम माफी नहीं मांगेंगे. विपक्ष की एकता पर बात हुई. राज्यों में मिल कर काम करेंगे."