मृतक का पांच दिन बाद हुआ पोस्टमार्टम, परिवार ने कही यह बात

Update: 2022-04-17 02:40 GMT

छावला: गोकशी मामले में मृतक राजा राम का पांच दिन बाद पोस्टमार्टम हो गया है। इसके बाद परिवार ने उनका अंतिम संस्कार कर फॉर्म हाउस को छोड़ दिया है। अब परिवार अपने परिजनों के पास शिफ्ट हो गए हैं। परिजनों का कहना है कि यह उनके लिए मुश्किल समय है। अब उनके सामने अपने घर को चलाने की मुश्किले हैं। पुलिस के अनुसार मेडिकल बोर्ड की निगरानी में यह पोस्टमार्टम होना था। इसकी वजह से प्रक्रिया में कुछ देरी हुई।

हादसे के बाद से ही राजा राम के परिवार वाले काफी डरे सहमे हैं। उनका कहना है कि वह गायों का दूध बेचकर गुजारा करते हैं। उनका गोकशी से कोई लेना-देना नहीं हैं। सोमवार की सुबह 2.30 बजे के बीच फॉर्म हाउस में गोकशी की बात फैली। जिसके बाद भीड़ ने एकत्रित होकर राजा राम समेत गोकशी में शामिल कुछ अन्य आरोपियों की पिटाई कर दी। इसके बाद इलाज के दौरान मंगलवार को राजा राम की मौत के बाद मामला गरमा गया।
परिवार वालों का कहना है कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं पता। पूरा परिवार उस दिन दाल रोटी खाकर सो गया था। राजा राम रोज की तरह बाहर चारपाई पर सोए थे। वहीं बाकी लोग अंदर सोए थे। इसके बाद परिजनों की नींद शोर से खुली। 14 अप्रैल की शाम को भी कुछ लोग फॉर्म हाउस की दीवार फांद कर अंदर आ गए थे। जिसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस से की थी। पुलिस के अनुसार, मेडिकल बोर्ड की वजह से मामले में देरी हुई।
मेडिकल बोर्ड का गठन शुक्रवार को किया गया। इसके बाद पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। राजाराम की पत्नी जसो देवी ने कहा कि उनके सपने बिखर गए हैं। बच्चों के पालन का बड़ा सवाल उनके सामने खड़ा है। फिलहाल वह अपने रिश्तेदारों के यहां रह रही हैं। राजाराम की हत्या के आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
सूत्रों के अनुसार, दो लोगों की पहचान हुई है। उनकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी की जा रही है। राजाराम के चार बच्चे हैं, जिसमें दो लड़कियां और दो लड़के हैं। दो बच्चों की उम्र अभी कम है। बाकी दो बच्चों की उम्र 15 और 17 साल है। परिजनों के अनुसार, वारदात के बाद से ही ग्रामीणों का सहयोग भी उन्हें नहीं मिल रहा था।

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