रेल हादसे में 148 लोगों की हुई थी मौत: 11 साल पहले जिसे बताया मृत, वो शख्स ज़िंदा निकला, सीबीआई जांच में खुलासा
रेलवे विभाग से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है.
पश्चिम बंगाल में रेलवे विभाग से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. साल 2010 यानी करीब 11 साल पहले जनेश्वरी एक्सप्रेस के साथ जो हादसा हुआ, उसमें जिस व्यक्ति को मृत घोषित किया गया था, वो जीवित निकला. हैरानी की बात ये है कि परिवार द्वारा ही व्यक्ति को मृत बताया गया था और इसी आधार पर मुआवजा, नौकरी ले ली थी.
लेकिन अब करीब 11 साल पहले इस बात का खुलासा हुआ कि जिस मृत व्यक्ति के नाम पर ये सब हुआ है, वो तो जीवित है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. अब जब बात सामने आई तो सीबीआई ने उस व्यक्ति की बहन (जिसे मुआवजे के नाम पर नौकरी मिली थी) और उसके पिता को पूछताछ के लिए बुलाया.
मई 2010 में हुए उस रेल हादसे में 148 लोगों की जान चली गई थी. हावड़ा-मुंबई जनेश्वरी एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गई थीं. तब झारग्राम के पास मालगाड़ी के साथ टक्कर होने की वजह से ये हादसा हुआ था.
इसी हादसे को लेकर तब एक व्यक्ति ने दावा किया था कि घटना में उसके बेटे की मौत हो गई है, तब डीएनए सैंपल को भी आधार बनाया गया था. ऐसे में रेलवे ने अपने नियम के अनुसार, 'मृतक' के परिवार के सदस्य को नौकरी दी और मुआवजा दिया.
व्यक्ति की बहन को ईस्टर्न रेलवे में सिग्नल डिपार्टमेंट में नौकरी मिल गई. लेकिन हाल ही में शिकायत मिली कि वह मृत व्यक्ति असल में जिंदा है, जब रेलवे ने जांच बैठाई. मामला सीबीआई को सौंपा गया और फिर सारी सच्चाई सामने आ पाई.