अधिकारियों ने चीन को सबसे ज्यादा चुभने वाला मुद्दा उठाया क्वाड की बैठक में ताइवान गलियारे पर चर्चा,

चीन के आक्रामक व्यवहार के खिलाफ चार देशों अमेरिका

Update: 2021-08-12 22:41 GMT

जनता से रिस्ता वेबडेस्क :- जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। चीन के आक्रामक व्यवहार के खिलाफ चार देशों अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के गठबंधन क्वाड की कूटनीतिक सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को इस गठबंधन के तहत चारों देशों के विदेश मंत्रालयों के आला अधिकारियों की एक बैठक हुई। कहने की जरूरत नहीं कि बैठक के केंद्र में चीन से जुड़े मुद्दे ही रहे। क्वाड की बैठकों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और वहां चीन के वर्चस्व को लेकर चर्चा पहले होती रही है। लेकिन इस बार ताइवान गलियारे का मुद्दा भी खास तौर पर उठा है। ताइवान गलियारा वैसे तो हिंद-प्रशांत क्षेत्र का ही एक हिस्सा है, लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में पहली बार इसका जिक्र करके चीन को अलग संकेत दिया है। संकेत यही है कि क्वाड के देश चीन को सबसे ज्यादा चुभने वाले (ताइवान) मुद्दों को लेकर भी अब मुखर होंगे। चीन की तरफ से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि अधिकारी स्तर की वार्ता में कोरोना के प्रभाव, महामारी पर रोक लगाने को लेकर साझा दायित्व, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार को लेकर विमर्श हुआ है। क्वाड देशों के शीर्ष नेताओं (पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा) की मार्च 2021 में हुई ऐतिहासिक बैठक में वैक्सीन को लेकर किए गए फैसले की प्रगति की समीक्षा भी की गई है। इसके तहत बड़े पैमाने पर भारत में कोरोना वैक्सीन का निर्माण होना है। दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में ताइवान गलियारे का जिक्र किया है। अमेरिका ने कहा है कि हमने ताइवान गलियारे में शांति व सुरक्षा के महत्व पर बात की है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि चारों देशों के बीच निकट भविष्य में शीर्ष नेताओं की आमने-सामने की बैठक को लेकर बात हुई है। माना जाता है कि सितंबर, 2021 में संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन के दौरान यह बैठक हो सकती है।


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