कमजोर विद्यार्थियों को दक्ष बनाने व शिक्षक-अभिभावकों की चर्चा करवाना था उद्देश्य

Update: 2024-03-26 11:40 GMT
पाली। पाली विद्यालयों में राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम (आरकेएसएमबीके) आकलन को लेकर शुक्रवार को स्कूलों में आयोजित मेगा पीटीएम में कमोबेश ऐसे ही हालात रहे। अधिकांश स्कूलों में पांच-सात या दस अभिभावक पहुंचे और शिक्षकों ने उनको बच्चों के आकलन के बारे में बताया और वे लौट गए। जबकि इस मेगा पीटीएम में आरकेएसएमबीके आकलन तीन में विद्यार्थियों की दक्षता में बेहतर करने के लिए अभिभावकों से भी चर्चा करनी थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जो अभिभावक स्कूल पहुंचे, उनसे शिक्षकों ने रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाए और लौटा दिया। उधर, मेगा पीटीएम में एक स्थानीय इन्फ्लुएंसर के रूप में गांव या शहर के प्रभावशाली व्यक्ति, विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी, जो वर्तमान में किसी उच्च पद पर हो को बुलाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

संस्था प्रधानों को इन इन्फ्लुएंसर की ओर से अभिभावकों को कही जाने वाली बात का 1-2 मिनट का शॉर्ट वीडियो बनाना था। जिसे सोशल मीडिया व विभाग के ग्रुप में शेयर करना था। जिसे कैसे बनाया गया होगा यह स्कूलों के हालात पढ़कर अंदाज लगाया जा सकता है। बैठक में कक्षा 3 से 8वीं के आरकेएसएमबीके आकलन 2 के रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों को दिए जाने थे। कक्षाध्यापक को हर अभिभावक को रिपोर्ट कार्ड में लिखी दक्षताओं के सामने अंकित सितारों का विद्यार्थी प्रगति के साथ सम्बन्ध बताना था। इसके साथ ही हिन्दी, अंग्रेजी व गणित के अध्यापकों को कम दक्षता वाले विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाने को लेकर अभिभावकों के साथ अतिरिक्त प्रयास किए जाने पर चर्चा करनी थी। नाडी मोहल्ला स्कूल में जाने पर बरामदे में शिक्षिकाएं बैठी थी। उसी समय एक महिला आई। उसको शिक्षिकाओं ने विद्यार्थी के बारे में बताया। पांच मिनट से भी कम समय में वह महिला फिर से रवाना हुई और बरामदे में बैठे अपने बच्चे से बात कर रवाना हो गई।
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