चर्चा में सब इंजीनियर की आत्महत्या की खबर, मुंह में गैस भरी, जानकर सिहर जाएंगे
नर्मदापुरम: मध्यप्रदेश में नर्मदापुरम (होशंगाबाद) नगर पालिका के सब इंजीनियर (Sub Engineer) ने मुंह में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरकर खुदकुशी कर ली. मृतक किसी बीमारी से परेशान थे. मरने से पहले छोड़े सुसाइड नोट में उन्होंने किसी खास बीमारी का जिक्र नहीं किया. लेकिन सुसाइड के लिए सब-इंजीनियर ने जो रास्ता अपनाया, वह दिल दहला देने वाला था. उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड (Co2) गैस के सिलेंडर का पाइप मुंह में डाल लिया और फिर चेहरे को कसकर पॉलीथिन से बांध लिया था.
कोतवाली थाना प्रभारी संतोष सिंह चौहान ने बताया कि नगरपालिका उपयंत्री मृतक चेतन भुमरकर बैतूल के रहने वाले थे. वह नर्मदापुरम में किराए के मकान में रहने वाले थे. उन्होंने मानसिक रूप से परेशान और बीमार होने के चलते आत्महत्या कर ली.
सुबह सब-इंजीनियर ने दरवाजा नहीं खोला तो मकान मालिक ने कोतवाली थाने में सूचना दी थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा खुलवाया तो वहां गद्दे पर सब-इंजीनियर का शव पड़ा हुआ था.
मृतक का चेहरा पॉलीथिन से ढंका हुआ था और पास में Co2 गैस का सिलिंडर भी रखा हुआ था. शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें मृतक ने बीमारी और मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या करना लिखा है और किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है.
मृतक के पास से एक पेज के सुसाइड नोट में लिखा है, ''मैं चेतन भुमरकर नगर पालिका में उपयंत्री हूं. मैं बीमारी से परेशान हूं. जिस कारण मैं अपना काम पूरी तरह से कर नहीं पा रहा हूं. मेरी मौत के बाद मेरे परिवार या किसी को भी परेशान न किया जाए. मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं. मेरी मौत की सूचना मेरे मामा सुधाकर नागले, मौसी शांति बाईकर, भैया राजेंद्र गुजरे, जीजाजी पंचम चौरसिया को दे देना.'' नाम के साथ ही सभी के मोबाइल नंबर भी लिखे हैं.
टीआई संतोष सिंह चौहान ने बताया कि इंजीनियर ने आत्महत्या भी मैकेनिकल तरीके से ही की है. मौके से कार्बन डाइऑक्साइड का छोटा सिलिंडर और पॉलिथीन मिली है.
पुलिस का कहना है कि मृतक की मौत प्रथम दृष्टया दम घुटने से हुई है. परिजनों को सूचना दे दी गई है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या आत्महत्या के लिए Carbon dioxide गैस का भी इस्तेमाल किया गया है या नहीं.