VIDEO: नया संसद भवन होगा पेपरलेस, जानें खासियत

Update: 2020-12-06 07:15 GMT

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जानकारी देते हुए बताया है कि नए संसद भवन का भूमिपूजन 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा ओम बिरला ने पीएम मोदी के आवास पर पहुंचकर उन्हें भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने के लिए आमंत्रित किया

दरअसल, वर्तमान संसद भवन के पास नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है अंग्रेजों के जमाने में बना भारत का संसद भवन अब सिर्फ इतिहास में रह जाएगा
 नया संसद भवन कैसा होगा, इसकी तस्वीर भी सामने आ गई है
ओम बिरला ने आगे यह कहा कि भारत का लोकतंत्र और हमारी संसद समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ और मजबूत हुए हैं उन्होंने कहा कि नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र की स्मारक होगा जो न केवल हमारे गौरवशाली इतिहास बल्कि भारतवासियों की शक्ति, विविधता और उद्यमिता का प्रतीक होगा
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का एक ऐसा मंदिर होगा जो राष्ट्र की विविधता को प्रतिबिंबित करेगा
 यह पुराने संसद भवन से 17,000 वर्गमीटर बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को नए संसद भवन के निर्माण का ठेका दिया गया है लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है
बिरला ने यह भी कहा कि नए संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन एंड मेनेजमेट प्राइवेट लिमिटेड ने अगले 100 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है. उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि नई दिल्ली और इसके आसपास के इलाके भूकंप क्षेत्र V में आते हैं, इसलिए नए भवन निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार भूकंप से सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपायों की व्यवस्था की जा रही है
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सत्र की शुरुआत करेंगे. नए संसद भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी. ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा हॉल 1224 सदस्यों को एक साथ समायोजित करने में सक्षम होगा
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्प्ले आदि होंगे
 संविधान कक्ष में आगंतुकों को जाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें.


नए संसद भवन की विशेषताओं पर एक नज़र:
64,500 वर्ग मीटर में फैला है, भूकंप प्रतिरोध क्षमता से लैश: नई इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा। निर्माण पर करीब 971 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ओम बिड़ला ने कहा और कहा कि नई इमारत भूकंप प्रतिरोधी होगी।
स्वदेशी रूप से बनाया जाना: लोकसभा स्पीकर ने कहा, "लोकतंत्र के मौजूदा मंदिर को 100 साल पूरे हो रहे हैं। हमारे देशवासियों के लिये गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा।"
सांस्कृतिक विविधता से सुज्जित: उन्होंने कहा, ''नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी। आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर (2022) संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा।
एकसाथ बैठ सकेंगे 1224 सांसद: उन्होंने बताया कि नए संसद भवन में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे और मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों के सदस्यों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा। बिरला ने कहा कि संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा। संसद का मौजूदा भवन ब्रिटिशकालीन है जो एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। दोनों ने ही नई दिल्ली क्षेत्र की योजना और निर्माण की जिम्मेदारी निभाई थी।
पुराने ही स्वरूप में होगा नया संसद भवन: लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नए भवन का स्वरूप भी वर्तमान की तरह ही होगा। उन्होंने बताया, ''इस भवन में बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल होंगे। इसकी ऊंचाई भी वर्तमान संसद भवन के बराबर होगी ताकि दोनों भवनों में समरूपता दिखे।'' उन्होंने कहा कि नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन होगा।
प्रदूषण को नियंत्रित करने की क्षमता: नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। बिरला का कहना है कि नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह कागज रहित कार्यालय बनाने की दिशा में कदम होगा।
संविधान कक्षा और लॉन्ज भी: नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र भी होगा। नए भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं।
मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और निर्माण में छह साल लगे थे और उस समय 83 लाख रुपये की लागत आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।


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