पड़ोसी निकला दरिंदा, मासूम को कुकर्म की नीयत से अगवा कर जंगल ले गया, फिर क्‍या हुआ...?

घर के आसपास के रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया.

Update: 2024-03-01 05:22 GMT
सांकेतिक तस्वीर
प्रयागराज: प्रयागराज के नैनी में यमुनापार के नैनी इलाके में बुधवार दोपहर से लापता पांच साल के मासूम को पुलिस ने दूसरे दिन सकुशल बरामद कर लिया। उसे पड़ोसी कुकर्म की नीयत से अगवा कर जंगल ले गया था। बच्चा रोने लगा तो गले में बंधे धागे से उसे सूखे कुंए में लटका दिया। बच्चा अचेत हो गया तो कुंए में धकेल दिया। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नैनी में पांच साल का मासूम घर के बाहर खेल रहा था। तभी उसे अगवा कर लिया गया। देर शाम तक पता नहीं चलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी।
डीसीपी यमुनानगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने बच्चे को खोजने के लिए तीन टीमें बनाईं। घर के आसपास के रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो बच्चा दुर्गेश उर्फ अंग्रेजी निवासी नीबी भीरपुर, करछना के साथ दिखा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। सख्ती से पूछताछ पर अपना जुर्म मान लिया। उसकी निशानदेही पर गुरुवार को नीबी, करछना के जंगल में कुएं से घटना में प्रयुक्त रस्सी व अपहृत बच्चे को सकुशल बरामद किया गया।
दरिंदे दुर्गेश कुमार ने पांच साल के मासूम को मरा समझकर कुंए में फेंका था लेकिन चालीस फीट गहरे सूखे कुंए में घंटों भूख प्यास से तड़पने के बाद भी मासूम सकुशल मिल गया। इसके बाद सबके मुंह से यही निकला कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोए। मासूम बुधवार दोपहर घर के बाहर खेल रहा था। तभी आरोपी दुर्गेश की नजर उस पर पड़ी। गलत नीयत से उसने मासूम को पतंग दिलाने का लालच दिया और अपने साथ ले गया। बच्चे को जंगल में ले जाते आरोपी को उसके गांव के कुछ लड़कों ने देख लिया था। इससे वह डर गया। उसने बच्चे के गले में बंधे धागे से पकड़कर उसे कुंए में लटका दिया।
लटकाते ही मासूम अचेत हो गया तो आरोपी ने उसे मरा समझ कुंए में ढकेल दिया। उधर बच्चे की तलाश में घरवाले और पुलिस परेशान थी। सीसीटीवी फुटेज से बच्चा आरोपी के साथ जाते दिख गया। सीसीटीवी फुटेज देखते ही बच्चे के माता-पिता आरोपी दुर्गेश को पहचान गए। पुलिस ने घेरेबंदी कर आरोपी दुर्गेश कुमार उर्फ अंग्रेजी को भीरपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास से दबोच लिया। पूछताछ में कहानी सुनकर पुलिस वालों के पसीने छूट गए। बच्चे की सकुशल बरामदगी के लिए जुटी पुलिस आरोपी के बयान से हताश हो गई।
आनन- फानन में पुलिसकर्मी नीबी, भीरपुर के जंगल स्थित कुंए की तरफ भागे। कुंए में झांका तो मासूम के रोने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली। आनन-फानन में रस्सी बांधकर एक व्यक्ति को नीचे उतारा गया। तब मासूम को बाहर निकाला गया। निर्जन और अंधेरे कुंए में भूख प्यास से बेहाल मासूम ने बाहर निकलने के बाद पुलिस अफसरों और घरवालों को देखा तो उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। वह पिता के गले से लिपट गया।
मासूम बच्चे के घर के बगल में आरोपी दुर्गेश कुमार की बहन का घर है। वह अक्सर अपनी बहन के घर आता- जाता था। इसके चलते मासूम के घर भी उसका आना-जाना था। इसलिए बुधवार दोपहर जब उसने बच्चे को पतंग दिलाने का झांसा दिया तो उसके साथ चलने को तैयार हो गया।

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