पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में क्वाड देशों की नौसेनाओं ने शुरू किया युद्धाभ्यास, चीन ने कही यह बात
पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में गुआम के तट पर अमेरिकी नौसेना की मेजबानी में 25वां मालाबार युद्धाभ्यास गुरुवार को शुरू हो गया।
नई दिल्ली, पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में गुआम के तट पर अमेरिकी नौसेना की मेजबानी में 25वां मालाबार युद्धाभ्यास गुरुवार को शुरू हो गया। चार दिन तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में क्वाड देशों यानी भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं। इस क्षेत्र में चीन की अति सक्रियता को देखते हुए यह युद्धाभ्यास रणनीतिक रूप से अहम है। युद्धाभ्यास शुरू होते ही चीन की तिलमिलाहट भी सामने आ गई है। चीन का कहना है कि अमेरिका अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए गुट बना रहा है।
नौसेनाओं को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का मौका देगा
युद्धाभ्यास में युद्धपोतों, विमानों और हेलीकाप्टरों के जरिये वृहद अभ्यास किया जा रहा है। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था बनाने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के बीच की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत ने इस अभ्यास में आइएनएस शिवालिक, आइएनएस कदमट्ट और पी8आइ समुद्री निगरानी विमानों के बेड़े को शामिल किया है।
अमेरिका की ओर से गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रायर यूएसएस बैरी, विशेष युद्धक बल और विमान को अभ्यास में उतारा गया है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, 'इस युद्धाभ्यास में एंटी-सर्फेस, एंटी-एयर और एंटी-सबमरीन वारफेयर ड्रिल और अन्य कई रणनीतिक अभ्यास किए जाएंगे। यह अभ्यास नौसेनाओं को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का मौका देगा। दूसरी ओर, क्वाड नौसेनाओं का अभ्यास शुरू होते ही चीन की बेचैनी सामने आने लगी है।
चीन कहा, गुटबाजी से बढ़ेगा तनाव
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल तान केफेई ने कहा कि इस तरह की गुटबाजी से केवल तनाव बढ़ेगा। तान ने कहा कि अमेरिका पिछले कुछ समय से कुछ अन्य देशों को काल्पनिक शत्रु मानकर अपनी सैन्य क्षमता दिखाने के लिए अभ्यास कर रहा है और गुट बना रहा है। इससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
चीन भी करेगा सैन्य अभ्यास
क्वाड नौसेनाओं के युद्धाभ्यास से बौखलाया चीन भी पाकिस्तान, थाइलैंड और मंगोलिया के साथ सैन्य अभ्यास करेगा। तान केफेई ने बताया कि छह से 15 सितंबर के बीच हेनान प्रांत में यह सैन्य अभ्यास होगा। इसमें चारों देशों के 1,000 से ज्यादा सैनिक हिस्सा लेंगे।