हत्यारोपी ने दिखाई जरूरत से ज्यादा होशियारी...अदालत पहुंचा हैरान करने वाला मामला
श्मशान में शव का अंतिम संस्कार किया और राख को नदी में बहा दिया ताकि कोई सबूत न बचे।
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने हत्या के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। उसने अदालत में 45 दिन के लिए जेल से छुट्टी मांगी कि उसे शादी करनी है। हालांकि उसकी प्लानिंग धरी की धरी तब रह गई जब कोर्ट में उसकी महिला के साथ एक फोटो सामने आई। पता लगा कि वह आठ साल पहले ही उस लड़की से शादी कर चुका है, जिससे शादी के नाम पर वह जमानत मांग रहा था।
मामला 30 वर्षीय अनिकेत जाधव से जुड़ा है। वह और उसके साथी ओंकार चव्हाण (30) के अपहरण और हत्या में शामिल थे। आरोप था कि चव्हाण ने कथित तौर पर उसके दोस्त और सह-आरोपी की बहन को परेशान किया था। बदला लेने के लिए उन्होंने चव्हाण का किडनैप किया और फिर मारकर सोने की अंगूठी और मोबाइल अपने साथ ले गए। भुइंज श्मशान में शव का अंतिम संस्कार किया और राख को कृष्णा नदी में बहा दिया ताकि कोई सबूत न बचे।
पुलिस ने मामला दर्ज किया गया और एक डॉक्टर समेत अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर गिरफ्तारी और आरोप तय किए। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल टाॉवर लोकेशन और उनके कॉल डेटा रिकॉर्ड जैसे सबूत भी जुटाए। जिससे पता चला कि आरोपी घटना से पहले और बाद में लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे।
जाधव की ओर से पेश वकील चैतन्य पेंडसे ने कहा कि उसकी शादी एक लड़की से तय हुई है, जिसे वह स्कूल के समय से जानता है और दोनों आठ साल से रिश्ते में हैं। पेंडसे ने कहा कि कपल के परिवार उनकी सगाई और उसके बाद शादी की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन, तभी जाधव को गिरफ्तार कर लिया गया और शादी टल गई। वकील ने जाधव के लिए 45 दिन की जमानत की मांग की ताकि वह उस लड़की से शादी कर सके।
दूसरी ओर, अतिरिक्त लोक अभियोजक पीएस गायकवाड़ ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि जाधव की उस लड़की से पहले ही शादी हो चुकी है, जिससे शादी के लिए वह जेल से छुट्टी चाह रहा है। इसका खुलासा उन्होंने कोर्ट रूम में एक तस्वीर से किया, जब एक सार्वजनिक समारोह में वह जाधव के साथ उसकी पत्नी बनकर पहुंची थी, उसने गले में मंगलसूत्र पहना हुआ था और मांग भी सिंदूर से भरी हुई थी।
उन्होंने कहा कि लड़की कई बार उसकी पत्नी के रूप में जेल भी पहुंची। अपने दावे की पुष्टि के लिए उन्होंने जेल डायरी भी पेश की, जिससे पता लगा कि वह महिला जाधव से कई बार मिलने जेल भी पहुंची। न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि जाधव के खिलाफ 15 मामले दर्ज हैं। इन मामलों में से उसे नौ मामलों में बरी कर दिया गया है। जबकि अन्य मामले अभी भी लंबित हैं।