भारत में कोरोना का सबसे अनोखा मामला, जाने क्या हुआ वायरस का असर?

Update: 2021-01-15 08:53 GMT

दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के शरीर में अलग-अलग प्रकार के लक्षण और दुर्लभ समस्याएं देखने को मिल रही हैं. कोरोना ने शरीर के किसी भी अंग को नहीं छोड़ा है. चाहे वह दिल हो या दिमाग, लिवर हो अंडकोष. अब कोरोना की वजह से सबसे दुर्लभ मामला जयपुर से सामने आया है. यहां कोरोना एक मरीज के शरीर में हर्पीज जोस्टर का संक्रमण मिला है. इसके अलावा एक मरीज के शरीर में लिम्फ नोड्स बढ़े हुए मिले हैं. 

जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) के डर्मैटोलॉजी डिपार्टमेंट में कोरोना संक्रमित होने के बाद एक मरीज के लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) और ग्रंथि बढ़ी हुई मिली है. अस्पताल के डॉक्टरों ने इसे ड्रेस सिंड्रोम (Dree Syndrome) नाम दिया है. खतरनाक बात ये है कि एक मरीज में हर्पीज जोस्टर (Herpes Zoster) का संक्रमण मिला है. उसके शरीर में एक आंख और नाभि के एक तरफ इसका संक्रमण देखा गया है.
अस्पताल का डॉक्टरों ने दावा किया है कि यह दुनिया पहला ऐसा मामला है. दोनों ही मामलों की रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं. जयपुर के कोरोना संक्रमित 52 वर्षीय मरीज की आंख और नाभि के पास हर्पीज जोस्टर (Herpes Zoster) का संक्रमण मिला है. आमतौर पर हर्पीज जोस्टर (Herpes Zoster) का संक्रमण शरीर में किसी एक ही हिस्से पर होता है लेकिन यहां शरीर पर दो अलग-अलग जगहों पर देखने को मिला है. इसे हर्पीज जोस्टर डुपलेक्स यूनील्ट्रीज (Herpes Zoster Duplex Unilateralis) नाम दिया गया है.
हर्पीज जोस्टर (Herpes Zoster) आमतौर पर सर्दियों और बारिश के मौसम में लोगों को संक्रमित करता है. यह वेरिसेला जोस्टर वायरस की वजह से होता है. इसमें शरीर में छोटे-छोटे पानी से भरे हुए दाने निकल आते हैं. इनका आकार बढ़ता है. अगर दाने फूट जाए तो इनका संक्रमण ज्यादा हो सकता है. यानी पूरी त्वचा पर दर्दनाक छाले जैसे निकल आते हैं. ये उन लोगों को ज्यादा संक्रमित करता है, जिनके शरीर में चिकन पॉक्स यानी वेरिसेला जोस्टर वायरस पहले से मौजूद हो.
कोरोना संक्रमित 35 वर्षीय दूसरे मरीज को लिम्फ नोड्स बढ़ने की शिकायत हुई है. साथ ही इनके शरीर में ल्यूकोसाइट की मात्रा भी बढ़ी हुई है. यह मरीज अस्पताल में इओसिनोफिल (Eosinophils) नामक बीमारी के साथ आया था. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि कोरोना के साथ इओसिनोफिल नाम की दिक्कत किसी के साथ हुई हो. ये भी दुनिया का अपनी तरह का पहला मामला है.

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