महराजगंज के धानी ब्लाक के कानापार वार्ड संख्या 1 से 4 पर हो रहे क्षेत्र पंचायत सदस्य के चर्चित चुनाव में फरेंदा विधायक बजरंग बहादुर सिंह के भाई की पत्नी सरिता सिंह चुनाव हार गई हैं। इस सीट से पूर्व प्रधान गोपाल सिंह विजयी हुए हैं। इस क्षेत्र में प्रधानी व जिला पंचायत से अधिक रोचक चुनाव इस क्षेत्र पंचायत सदस्य का था। इसे ब्लाक प्रमुखी से जोड़कर देखा जा रहा था। मतगणना के बाद विजयी गोपाल सिंह को 531 मत मिले, जबकि सरिता सिंह को 354 मतों से ही संतोष करना पड़ा।
फरेन्दा ब्लाक के सोहरवलिया खुर्द गांव का रिजल्ट देखने के लिए पूरे क्षेत्र की निगाह जमी थी। क्योंकि चुनावी राजिश को लेकर मारपीट में एक प्रत्याशी के बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। रविवार को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम सामने आया। इसमें मातम वाले परिवार के सदस्य के सिर लोगों ने जीत का सेहरा पहना दिया। पर, भतीजे के मौत के गम के आगे जीत की खुशी बेरौनक नजर आई।
प्रधानी पद पर चुनाव में तो कई लोग लड़े थे। सोहरवलिया खुर्द का टोला परसोइया से दो लोग मैदान में थे। इसमें एक पक्ष के परिवार के सदस्य दस वर्ष से प्रधान की कुर्सी पर काबिज थे। इस इस बार निवर्तमान प्रधान शहाबुद्वीन ने अपने भाई मकसूद को चुनाव मैदान में उतारा। इनके खिलाफ पट्टेदारी के सबरे आलम ने अपने भाई हसामुद्वीन का प्रधान पद का पर्चा भरवा दिया। दोनों पक्ष दमदारी से चुनाव लड़े।मतदान के बाद 21 अप्रैल को चुनावी रंजिश को लेकर रात में दोनों पक्ष में मारपीट हो गयी। इसमें आधा दर्जन लोग घायल हुए। सबरे आलम के भतीजा व प्रधान पद प्रत्याशी हसामुद्वीन के बेटे औरंगजेब की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपित पक्ष के चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। रविवार को मतगणना में सबरे आलम के बड़े भाई हसामुद्वीन ने अपने पट्टेदार शहाबुद्वीन के भाई मकसूद को 188 मत से हरा दिया। हसामुद्वीन को 497 मत व मकसूद को 309 वोट मिला। सबरे आलम ने बताया कि यह जीत मेरी नही मेरे ग्राम वासियों की है। पर इस जीत की खुशी तब दोगुनी होती जब औरंगजेब जीवित रहता।