शख्स ने चालू की कार, तभी आई कुछ आवाज, बोनट खोला तो उड़े गए होश

Update: 2020-12-26 06:08 GMT

नई दिल्ली। इंसान और सांपों का सामना कहीं भी कभी भी हो सकता है, अगर ये सरीसृप आपकी कार के बोनट में मिले तो इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है। हां, लेकिन आपको जरूर सावधान रहने की जरूरत है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) से सामने आया है जहां, एक शख्स ने अपनी कार स्टार्ट की तो बोनट के अंदर से फड़फड़ाने की आवाज आने लगी। जब शख्स ने बोनट उठाकर देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं।

कार के बोनट में छिपा था अजगर
वाइल्ड लाइफ के प्रभारी श्रेष्ठ पचौरी ने बताया कि उनकी टीम को गुरुवार की सुबह असोपा हॉस्पिटल के पास एलआईसी बिल्डिंग की कॉलोनी में खड़ी कार में विशालकाय अजगर (python) के छिपे होने की सूचना मिली। अधिकारी के मुताबिक कार मालिक ने जब गाड़ी स्टार्ट की तो पता चला बोनट के अदंर एक अजगर छिपा हुआ है। हालांकि वाइल्ड लाइफ टीम को इसकी सूचना मिलने पर कार की बोनट में फंसे चार फुट अजगर को सुरक्षित निकाल लिया गया।
वाइल्ड लाइफ टीम को दी सूचना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गैलाना रोड स्थित एलआईसी कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार के लिए गुरुवार की सुबह यादगार रही। अपनी कार के बोनट में अजगर के मिलने की इस घटना को वह कभी नहीं भूल पाएंगे। बताया जा रहा है कि कार की बोनट में अजगर एक संकीर्ष जगह में फंस गया था, वह खुद भी इस जगह से नहीं निकल पा रहा था। इसके बाद परिवार ने एनजीओं को कॉल कर उनसे मदद मांगी।
अजगर को जंगल में छोड़ा
वाइल्ड लाइफ को सूचना मिलने के बाद दो-सदस्यीय मौके पर पहुंची और आधे घंटे चले ऑपरेशन के बाद अजगर को सुरक्षित कार के बोनट से बाहर निकाल लिया गया। परिवार के एक गुरुमीत सिंह सोढ़ी ने बताया कि कार के बोनट में फंसे अजगर को देखकर वो घबरा गए। वन्यजीव संरक्षण संस्था ने अजगर को सुरक्षित बाहर निकाल कर उसे जंगल में छोड़ दिया है। अगर समय पर टीम नहीं आती तो शायद सांप की दबकर मौत भी हो सकती थी।
इस वजह से शहरी स्थानों पर आ रहे हैं सांप
वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि उनकी टीम समय रहते मुसीबत में फंसे जानवरों और लोगों की मदद कर रहा है। वाइल्डलाइफ एसओएस का लक्ष्य लोगों में सांपों को लेकर फैली गलत धारणा को खत्म करना है। ऐसी स्थिति में लोगों को घबराना नहीं चाहिए और सांपों को हानि पहुंचाए बिना उकने प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। तापमान में गिरावट के चलते ये सरीसृप शहरी स्थानों में आश्रय लेने के लिए मजबरू हैं।


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