BIG BREAKING: अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को अदालत ने स्वीकार किया

Update: 2024-11-27 11:59 GMT

फाइल फोटो

अजमेर: अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के पहले शिव मंदिर होने के दावा मामले में कोर्ट का बड़ा आदेश दिया है. सिविल कोर्ट (वेस्‍ट) ने ऐसा दावा करती याचिका को स्‍वीकार कर लिया है. यानि कोर्ट ने इस केस को सुनवाई लायक मान लिया है. इस मामले में दरगाह का ASI सर्वे कराए जाने की मांग की गई है, ताकि सबूत जुटाकर पता लगाया जा सके कि अजमेर दरगाह पहले शिव मंदिर थी. कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद नोटिस के निर्देश जारी किए. संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद वहां हुई हिंसा के बाद अब अजमेर दरगाह के सर्वे को लेकर आया ये आदेश काफी अहमियत रखता है.
कोर्ट के आदेश के अनुसार, अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक विभाग और एएसआई को नोटिस जारी किए जाएंगे. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वकील रामनिवास बिश्नोई और ईश्वर सिंह के मार्फत कोर्ट में वाद दायर किया था.
दरअसल, अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा मामले में आज अजमेर सिविल कोर्ट वेस्‍ट में बहस की गई. कोर्ट में बहस के दौरान भगवान शिव के बाल स्वरूप की तरफ से वकील रामस्वरूप बिश्नोई ओर ईश्वर सिंह की ओर से बहस की गई. इसमें कहा गया कि दरगाह से पहले यहां शिव मंदिर था, जिसके कई साक्ष्य दस्‍तावेज के रूप में कोर्ट के सामने पेश किए गए.
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