गंगा आरती का स्थान बदला गया, जलस्तर बढ़ा

Update: 2022-07-27 02:43 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

वाराणसी: सावन का महीना चल रहा है. सावन महीने का पहला पखवाड़ा अब पूरा होने की ओर है तो वहीं मॉनसून भी दस्तक दे चुका है. बारिश के कारण नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. पर्वतीय इलाकों में हो रही भारी बारिश का प्रभाव गंगा नदी के जलस्तर पर भी देखने को मिल रहा है. गंगा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है.

गंगा नदी के बढ़ते पानी के कारण बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी के 'घाट सिस्टम' में भी बदलाव नजर आने लगे हैं. कुछ दिन पहले जहां घाट की सीढ़ियों पर बैठने वाले पंडे-पुजारियों ने बढ़ते जलस्तर को देख अपने बस्ते ऊपर कर लिए थे. वहीं अब आध्यात्मिक महत्व वाले दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान भी बदल गया है.
गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए गंगा आरती का स्थान भी अब बदल गया है. 26 जुलाई की शाम गंगा आरती का आयोजन उस स्थल से थोड़ा सा पीछे किया गया, जहां आम दिनों में आरती की जाती रही है. 26 जुलाई की शाम इस बार के बरसात के मौसम में पहली बार दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के आयोजन स्थल में बदलाव हुआ.
गंगा आरती चबूतरे की जगह प्लेटफॉर्म पर ही हुई. आरती स्थल में बदलाव का फैसला आयोजकों ने एक-एक सीढ़ी चढ़ती जा रही गंगा नदी के रुख को देखकर लिया गया. आयोजकों की मानें तो गंगा के जलस्तर में इजाफे की रफ्तार ऐसी ही बनी रही तो जल्द ही प्लेटफॉर्म पर भी आरती संभव नहीं हो पाएगी और इसका आयोजन पीछे की सीढ़ियों पर करना पड़ेगा.
गंगा आरती प्लेटफॉर्म की जगह सीढ़ियों पर आयोजित होगी तो इसका असर देश-दुनिया के अलग-अलग इलाकों से इस भव्य आरती का दीदार करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली व्यवस्था पर भी पड़ेगा. श्रद्धालुओं के बैठने के लिए इंतजाम की जगह कम हो जाएगी. गौरतलब है कि हर साल जब गंगा नदी के जलस्तर में इजाफा होता है, तब गंगा आरती का स्थान भी बदलता है.
गंगा नदी के जल में वाराणसी के गंगा घाट की सीढ़ियां जलमग्न हो जाती हैं और इसकी वजह से गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ता है. बता दें कि वाराणसी के दशाश्वमेध घाट की आरती देखने के लिए, उसमें शामिल होने के लिए देश-दुनिया की अलग-अलग जगहों से बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं.
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