संत की तरह था राम जन्मभूमि आंदोलन के नायक का जीवन

Update: 2023-09-27 13:29 GMT
वाराणसी। विश्व हिंदू परिषद, धर्म जागरण न्यास,वेद शिक्षा मंदिर की शुरूआत कराने वाले और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के नायक अशोक सिंघल की 97वीं जयंती मणिकर्णिका घाट स्थित सिद्ध पीठ नरसिंह मठ में मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास समेत अन्य ने उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वेद पूजन किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि सदैव अशोक जी का जीवन संत की भांति था। सदैव संतों की सेवा में अपने को समर्पित करते रहे। सभी मठ-मंदिर, पंथ संप्रदाय के लोगों को उन्होंने संगठित किया। वेद के लिए तो पूरा जीवन लगा दिया। पूरी दुनिया में इसका प्रचार प्रसार किया। उनकी अंतिम इच्छा घर-घर वेद पहुंचाने की थी। इसके लिए उन्होंने मणिकर्णिका घाट स्थित सिद्ध पीठ नारसिंह मठ को केंद्र बनाया। आज भी उनके संकल्प को साकार करने के लिए धर्म जागरण न्यास के कार्यकर्ता निरंतर लगे हुए हैं। इस अवसर पर प्रति वर्ष दिया जाने वाला वेदसेवक सम्मान काशी के प्रतिष्ठित नागरिक राजा दरवाजा निवासी शिवप्रकाश गुप्ता को दिया गया। साथ ही नरसिंह मठ में आवासीय वैदिक वेद पाठी छात्रों को राजा बलदेवदास बिड़ला अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर शेषनाथ राय ने निशुल्क हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया। नरसिंह मठ परिवार के सदस्य विजय चौधरी ने अशोक सिंघल के जीवन का परिचय और कार्यक्रम के आयोजन पर प्रकाश डाला। नरसिंह मठ की आध्यात्मिक विशेषता वैदिक छात्र शुभम पाराशर ने बताया।
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