2 की मौत, मेट्रो पिलर ढहने के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया

Update: 2023-01-13 12:02 GMT
बेंगलुरु (आईएएनएस)| कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्माणाधीन मेट्रो के खंभे के गिरने का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें 11 जनवरी को एक महिला और उसके दो साल के बेटे की मौत हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश पीबी वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रमुख समाचार पत्रों की खबरों का जिक्र किया। पीठ ने आगे कहा कि 11 और 13 जनवरी को हुई घटनाओं ने अदालत को घटनाओं को संज्ञेय मानने पर मजबूर कर दिया है।
खंडपीठ ने कहा कि शहर में सड़कों की दुर्दशा ने चिंता बढ़ा दी है। पीठ ने आगे सवाल किया कि इस तरह के काम को करते समय उठाए गए सुरक्षा उपायों के बारे में और क्या निविदा दस्तावेज और अनुबंध में सुरक्षा उपायों का उल्लेख किया गया है? यदि इनका उल्लेख नहीं किया गया है, तो क्या यह सरकारी आदेश या अधिसूचना के माध्यम से निर्देशित किया गया है?
पीठ ने कहा- यदि सुरक्षा मापदंडों का उल्लेख किया गया है, तो उन साइटों पर अनुपालन की निगरानी कैसे की जा रही है जहां काम किया जा रहा है? क्या उस कंपनी के प्रति जवाबदेही तय है जिसने अनुबंध (ठेका) लिया है? क्रियान्वित की जा रही परियोजना की निगरानी करने वाले अधिकारियों और ठेका कंपनी के अनुपालन के मामले पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस संबंध में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। कर्नाटक सरकार के संबंधित विभागों, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी), बेंगलुरु मेट्रो रेल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (बीएमआरसीएल) और संबंधित ठेकेदारों को इस मामले में पक्षकार बनाया गया है।
11 जनवरी को तेजस्विनी और उनके 2 साल के बेटे की स्कूटी पर निमार्णाधीन मेट्रो का खंभा गिरने से मौत हो गई थी। उनके पति और दूसरा बेटा चमत्कारिक रूप से बच गए थे। नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी और बीएमआरसीएल के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दूसरी तरफ 13 जनवरी को ब्रिगेड रोड पर एक बाइक सवार गड्ढे में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया है।
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