नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बिहार के पॉक्सो जज की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें पटना हाई कोर्ट की ओर से उनके निलंबन को चुनौती दी गई है। अररिया के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (एडीजे) शशि कांत राय ने अपनी याचिका में चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि छह साल की बच्ची के बलात्कार से जुड़े मामले में उन्हें एक ही दिन में सुनवाई पूरी करने के लिए निलंबित कर दिया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील विकास सिंह ने अदालत से उस याचिका को नहीं हटाने की अपील की थी, जिसे न्यायमूर्ति यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति एस.आर. भट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाना था। वकील ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा, 'एडीजे को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने पॉस्को मामले में एक दिन में सुनवाई पूरी की, जहां आरोपी ने छह साल की लड़की से बलात्कार किया था।'
जस्टिस राय ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ संस्थागत पूर्वाग्रह के तहत कार्रवाई की गई। राय ने कहा कि उन्होंने एक अन्य मामले में एक आरोपी को चार दिन की सुनवाई में दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई थी। उन्होंने दावा किया कि ये फैसले व्यापक रूप से खबरों में छाये रहे और उन्हें सरकार व जनता से सराहना मिली।
इससे पहले एससी की पीठ ने 29 जुलाई को याचिका पर नोटिस जारी किया और दो सप्ताह में जवाब मांगा था। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि शीर्ष अदालत के अनेक फैसले हैं जिनमें उसने कहा है कि सजा उसी दिन (सुनवाई पूरी करके) नहीं सुनाई जानी चाहिए। बेंच ने कहा, 'हमारे हिसाब से यह न्याय का उपहास होगा कि आप उस व्यक्ति को पर्याप्त नोटिस, पर्याप्त अवसर तक नहीं दे रहे जिसे अंतत: मौत की सजा मिलने वाली है।'