छह करोड़ का जैकपॉट, महिला लॉटरी एजेंट की खूब हो रही चर्चा, जाने पूरी कहानी

Update: 2021-03-24 12:12 GMT

केरल में हर कोई एक महिला लॉटरी एजेंट की ईमानदारी की चर्चा कर रहा है. दरअसल, अलुवा के रहने वाले पी के चंद्रन ने एजेंट समिझा के. मोहन से अपने लिए समर बम्पर लॉटरी का एक टिकट रोक कर रखने के लिए कहा था. इसके साथ ही ये भी कहा था कि लॉटरी के टिकट के दाम 200 रुपए का भुगतान बाद में कर देंगे. 

किस्मत देखिए कि चंद्रन ने जिस टिकट के लिए पैसों का भुगतान भी नहीं किया था, उसी टिकट (नंबर SD 31642) पर छह करोड़ का जैकपॉट प्राइज निकल आया. समिझा के. मोहन पट्टिमोटम में रहती हैं. दो बच्चों की मां 37 वर्षीय समिझा अपने पति राजेश्वरन के राजगिरी अस्पताल के पास लॉटरी टिकट स्टाल चलाती हैं. 
समिझा ने रविवार को अपने कुछ लॉटरी कस्टमर्स को फोन कर कहा कि 12 टिकट अभी नहीं बिके हैं, अगर वो लेना चाहें तो ले सकते हैं. इस पर चंद्रन ने समिझा से कहा कि वो आखिरी 6142 नंबर वाला टिकट उनके लिए रोक दें, जिसके लिए 200 रुपए का भुगतान वे बाद में कर देंगे.
रविवार शाम को समिझा को पता चल गया कि उनके पास मौजूद एक टिकट पर पहला इनाम निकला है. समिझा ने देखा कि ये टिकट चंद्रन ने रुकवाया हुआ है तो वे तत्काल उनके घर गईं और 200 रुपए लेकर टिकट उनके हवाले कर दिया.
चंद्रन, उनकी पत्नी लीला, दो बेटियां और एक बेटा समिझा की ईमानदारी की तारीफ करते नहीं थक रहे. चंद्रन कीझमाडु डॉन बॉस्को स्कूल में गार्डनर हैं. चंद्रन के मुताबिक वे कई वर्षों से लॉटरी टिकट खरीद रहे थे, कुछ छोटे पुरस्कार भी निकले लेकिन इतना बड़ा जैकपॉट पहली बार निकला. 
समिझा ने कहा कि लॉटरी का टिकट मैंने उसके विजेता के हवाले कर दिया था. इसके बाद से ही मेरे पास कई अलग-अलग लोगों के बहुत सारे कॉल आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर कॉल्स में लोग मेरी ईमानदारी की काफी तारीफ कर रहे हैं. 
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन लोग ये नहीं समझते कि हमारे पेशे में ईमानदारी ही सब कुछ होती है. ये इसलिए जरूरी है कि जो लोग अपनी मेहनत की कमाई से टिकट खरीदने के लिए हम पर भरोसा करते हैं, उनका भरोसा नहीं टूटना चाहिए.
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