रोजगार की तलाश में बैठे इंजीनियर का आइडिया हुआ हिट, भाई की पुरानी साइकिल ने बदली किस्मत

Update: 2021-07-11 12:33 GMT

कहते हैं मेहनत से किए गये किसी भी काम में सफलता जरूर मिलती है. ऐसा ही किस्सा है वडोदरा के रहने वाले विवेक का. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद घर पर रोजगार की तलाश में बैठे विवेक के​ दिमाग में भाई की जिद से एक आइडिया हिट कर गया. दरअसल भाई ट्यूशन जाने के लिए स्कूटर लेने की जिद पर अड़ा था. भाई की जिद देख इंजीनियर भाई ने उसकी पुरानी साइकिल से ई-साइकिल तैयार कर दी. वहीं से इस बिजनेस में उतरे विवेक ने बुलंदियों का सफर तय करना शुरू कर दिया. 

वडोदरा के 25 साल के विवेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. साल 2017 में कॉलेज के फाइनल ईयर के प्रोजेक्ट में उन्होंने एक इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की थी. पढ़ाई के बाद जब वह घर पर कुछ करने की सोच रहे थे, तब उनका छोटा भाई दसवीं कक्षा में आया था, जिसने स्कूटर दिलाने की जिद की. हालांकि उसके छोटे भाई की उम्र न होने की वजह से स्कूटर दिलाना मुनासिब नहीं था, इसलिए विवेक ने अपने भाई के लिए उसकी पुरानी साइकिल को मोडिफाइड किया और मोटर से चलने वाली साइकिल बना दी.
इंजीनियर भाई द्वारा तैयार की गई साइकिल से जब छोटा भाई ट्यूशन और स्कूल पहुंचा, तो उसकी साइकिल की काफी तारीफ हुई. उसने इस बारे में इंजीनियर भाई को बताया, तो उसके दिमाग में ई-बाइक का आइडिया हिट कर गया.
विवेक ने अकेले हाथों से ई-साइकिल बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे उसको ऑर्डर मिलते गए. उन्होंने दुबई की एक कंपनी में जाकर भी डेमो साइकिल बनाई थी, जहां उसको काफी सराहा गया. अभी विवेक ने अपना पूरा वर्कशॉप खोल रखा है.
अब विवेक के इस वर्कशॉप में कई कर्मचारी हैं, जहां से वह इंटरनेशनल मार्केट में बिज़नेस कर रहे हैं. विवेक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही मोड में मार्केटिंग कर रहे हैं. देशभर में कहीं से भी इसके जरिए ऑर्डर किया जा सकता है. वे सोशल मीडिया के साथ ही फ्लिपकार्ट, अमेजन, इंडिया मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रहे हैं.
ऑफलाइन के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, सहित साउथ इंडिया कई राज्यों में डीलरशिप चेन तैयार की है. वहां से भी ई-साइकिल खरीदी जा सकती है. कई और राज्यों में भी वे अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. दिन व दिन दाम बढ़ता जा रहा है. इसका सीधा असर सबकी जेब पर हो रहा है. जो लोग अपने काम के सिलसिले में या ऑफिस के लिए पेट्रोल वाले वाहन का इस्तेमाल करते हैं, उन पर अतिरिक्त खर्च का बोझ बढ़ रहा है. ऊपर से पर्यावरण को अलग नुकसान पहुंच रहा है. तब यह ई-साइकिल पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाती है और पैसे भी बचाती है.
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