इस हनुमान मंद‍िर में रहता है वानर सेना का पहरा, जानें चौंकाने वाली बातें

Update: 2022-02-13 05:56 GMT

नई दिल्ली: मणिपुर (Manipur) अपने आप में कई व‍िव‍िधताएं समेटे हुए हैं. ज‍िसमें एक इंफाल (Imphal) का हनुमान मंद‍िर भी शाम‍िल है. इंफाल नदी के क‍िनारे पेड़ों के बीच महाबली वन में स्थित यह मंद‍िर कई मायनों में खास है. एक तरफ जहां यह मंद‍िर इंफाल के पुराने मंद‍ि‍रों (Ancient Temple) में शुमार है, तो वहीं इसकी स्‍थापत्‍य कला बेहद ही खुबसुरत है. इस मंद‍िर को 1725 में राजा गरीब नवाज ने बनाया था. मण‍िपुर के इस मंद‍िर को एक बात और व‍िशेष बनाती है. ज‍िसके तहत इस मंद‍िर के आस-पास हमेशा वानर सेना का प्रहरा रहता है.

जंगल छोड़कर कभी नहीं जाते हैं बंदर
इस मंदिर में हनुमान जी (Lord Hanuman) की प्राचीन मूर्ति स्थापित की गई है. मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर में बजरंगबली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर इस मंदिर में बंदरों की खूब संख्या है, ऐसी मान्यता प्रचलित है कि यहां पर भगवान हनुमान स्वयं आते हैं. इसीलिए मंदिर के पास बंदरों की एक सेना मौजूद रहती है. लेकिन यह बंदर जंगल की सीमा को कभी पार नहीं करते हैं. इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर मन्नत को बजरंगबली पूरी करते हैं.
पत्‍थर पर उकेरे गए हैं हनुमान जी, बंंगाली शैली में न‍िर्म‍ित है मंदि‍र
भगवान हनुमान के इस चमत्कारिक मंदिर की वास्तुकला बिल्कुल ही अलग है. बंगाली शैली में बने इस मंदिर में झोपड़ी गुंबद आकार की है और शिखर वाले इस मंदिर में श्री राम भक्त हनुमान जी की मूर्ति रखी हुई है. मूर्ति को पत्थर के एक बड़े स्लैब पर उकेरा गया है. मंद‍िर के गुबंद के आकार की हेमी-गोलाकार संरचना के साथ कवर किया गया, गर्भगृह को छत तक एक आयताकार संरचना के रूप में उभारा गया है. क्राइस-क्रॉस पैटर्न में एक डबल कमल छत के शीर्ष पर टिकी हुई है.
यहां कैसे पहुंचें
मणिपुर की इंफाल स्थित श्री हनुमान कि इस प्राचीन मंदिर तक पहुंचने के लिए तुलीहाल हवाई अड्डा (Imphal International Airport) नजदीकी एयरपोर्ट है. इसके अलावा दीमापुर और जीरीबोम रेलवे स्टेशन भी है. यहां से बस और टैक्सी की सुविधा के माध्‍यम से इस बेहतरीन व प्राचीन मंद‍िर के दर्शन के ल‍िए पहुंचा जा सकता है.
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